For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल : गाँव कम हैं प्रधान ज्यादा हैं

बह्र : २१२२ १२१२ २२

---------

फ़स्ल कम है किसान ज़्यादा हैं

ये ज़मीनें मसान ज़्यादा हैं

 

टूट जाएँगे मठ पुराने सब

देश में नौजवान ज़्यादा हैं

 

हर महल की यही कहानी है

द्वार कम नाबदान ज़्यादा हैं

 

आ गई राजनीति जंगल में

जानवर कम, मचान ज़्यादा हैं

 

हाल क्या है वतन का मत पूछो

गाँव कम हैं प्रधान ज़्यादा हैं

---------

(मौलिक एवम् अप्रकाशित)

Views: 1070

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by maharshi tripathi on March 2, 2015 at 5:14pm

वाह!! इस बेहद सुन्दर गजल पर आपको बधाई आ.धर्मेन्द्र कुमार जी |

Comment by Nirmal Nadeem on March 2, 2015 at 4:11pm

HAAL MAT POOCHH DESH KA SAJJAN.

POOCH MAT HAAL DESH KA SAJJAN

DESH KA HAAL POOCH MAT SAJJAN

AGAR AAPKO THEEK LAGE TO

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on March 2, 2015 at 4:00pm

तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ आदरणीय khursheed khairadi साहब।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on March 2, 2015 at 3:59pm

दाद के लिए शुक्रिया Nirmal Nadeem जी, त्रुटि इंगित करने के लिए आपका आभारी हूँ। इसे जल्द ही ठीक करता हूँ।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on March 2, 2015 at 3:59pm

धन्यवाद  डॉ गोपाल नारायन जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on March 2, 2015 at 3:59pm

शुक्रिया Dr. Vijai Shanker  जी

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 2, 2015 at 3:55pm

वाह! बहुत उम्दा गजल. एक से बढ़कर एक, सामयिक शेर कहें है आदरणीय धर्मेन्द्र जी.

आ गई राजनीति जंगल में

जानवर कम, मचान ज़्यादा हैं.....इस शेर पर विशेष बधाई

Comment by khursheed khairadi on March 2, 2015 at 2:56pm

आ गई राजनीति जंगल में

जानवर कम, मचान ज़्यादा हैं

 

देश का हाल न पूछो ‘सज्जन’

गाँव कम हैं प्रधान ज़्यादा हैं

आदरणीय धर्मेंदर जी ,उम्दा और कसी  हुई ग़ज़ल हुई है ,ढेरों दाद कबूल फरमावें ,,,,यह सही मायने  में ज़दीद ग़ज़ल है |सादर अभिनन्दन | 

Comment by Nirmal Nadeem on March 2, 2015 at 2:53pm

Waaaah Waaaah bahut khooob... janab 

Maqte ka oola misara bahr me nahi hai ek baar dekh le......Shukriya

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 2, 2015 at 2:46pm

आ० धर्म जी

बाकमाल  रचना है i हर शेर कसा हुआ i दुरुस्त i वाह i सादर i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
5 minutes ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
1 hour ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service