For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बीते वर्षों में जो भी मिला है मुझे
नहीं उससे कोई गिला है मुझे
नयन नीर मिले कुछ पीर मिले
दिल के राजा हैं ऐसे फ़कीर मिले
इन्हें राजा बना दें नया साल आया
खुशियाँ बिछा दें नया साल आया|

टुकड़े-टुकड़े किये जिनके सपनों को मैंने
खंडित किया जिनके अपनों को मैंने
व्यतित वर्ष में जिनका भी दिल दुखाया
हँसता हुआ मैंने जो महफ़िल जलाया
हँसी महफ़िल बना दें नया साल आया
खुशियाँ बिछा दें नया साल आया |

इस नव वर्ष में बदल जायेंगे हम
गिरते -गिरते अब संभल जायेंगे हम
इमानदारी का पाठ हम पढ़ाएंगे
हर गरीबों के ठाठ हम बढ़ाएंगे
हर एब को मिटा दें नया साल आया
खुशियाँ बिछा दें नया साल आया |

शत्रुओं को मित्र हम बनायेंगे
एक उत्तम चरित्र हम बनायेंगे
अपवित्र को पवित्र हम बनायेंगे
खुद का अमिट चित्र हम बनायेंगे
भ्रस्टाचार मिटा दें नया साल आया
खुशियाँ बिछा दें नया साल आया ||

**********************************

"मौलिक व अप्रकाशित "


Views: 422

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by maharshi tripathi on January 5, 2015 at 5:52pm

धन्यवाद् आ. भंडारी जी |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 5, 2015 at 10:42am

नये साल मे लिये शुभ संकल्पों के लिये बधाई , आदरणीय ।

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 4, 2015 at 7:47pm

सुन्दर अभिव्यक्ति  i सस्नेह i

Comment by maharshi tripathi on January 4, 2015 at 4:22pm
आप सभी स्नेहीजनो को रचना पसंद आई,,,हार्दिक आभार |

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 4, 2015 at 4:17pm

भ्रष्टाचार मिटा दें नया साल आया 
खुशियाँ बिछा दें नया साल आया ||

नव वर्ष पर सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई महर्षि त्रिपाठी जी.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on January 4, 2015 at 10:17am

नये साल की इस कविता के लिये आपको बधाई

Comment by Hari Prakash Dubey on January 3, 2015 at 8:14pm

 सुन्दर भावनायें , सुन्दर रचना ..बधाई महर्षि त्रिपाठी जी !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
yesterday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service