For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल----उमेश कटारा ---बिचाराधीन है मेरा मुकदमा भी अदालत में

फँसा इन्साफ है मेरा गुनाहों की सियासत में 
विचाराधीन है मेरा मुकदमा भी अदालत में
-----
लिये हथियार हाथों में,चली थी मज़हबी आँधी
ज़ला परिवार था मेरा , कभी शहरे क़यामत में
-----
अख़रता है सियासत को ,मेरा इन्सान हो जाना 
हुआ बरबाद था मैं भी, क़भी सच की वक़ालत में
-----
कहीं मन्दिर कोई तोड़ा ,कहीं मस्ज़िद कोई तोड़ी
फँसा है आदमी देखो,न जाने किस इबादत में
-----
दरिन्दे आज बाहर हैं,मेरी तारीख पड़ती है
खडे मी-लॉर्ड हैं देखो ,गुनाहों की हिमायत में

उमेश कटारा
मौलिक व अप्रकाशित


Views: 615

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by umesh katara on December 25, 2014 at 6:26pm

मिथिलेश वामनकर जी शुक्रिया

Comment by umesh katara on December 25, 2014 at 6:25pm
Comment by umesh katara on December 25, 2014 at 6:24pm

gumnaam pithoragarhi जी शुक्रिया

Comment by umesh katara on December 25, 2014 at 6:24pm

Er. Ganesh Jee "Bagi"जी शुक्रिया

Comment by umesh katara on December 25, 2014 at 6:24pm

शुक्रियाHari Prakash Dubey जी

Comment by Hari Prakash Dubey on December 25, 2014 at 6:20pm

दरिन्दे आज बाहर हैं,मेरी तारीख पड़ती है
खडे मी-लॉर्ड हैं देखो ,गुनाहों की हिमायत में...गज़ब आदरणीय  उमेश कटारा  जी ,हार्दिक  बधाई  !


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 25, 2014 at 4:59pm

अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई आदरणीय कटारा जी .

Comment by gumnaam pithoragarhi on December 25, 2014 at 2:41pm
दरिन्दे आज बाहर हैं,मेरी तारीख पड़ती है
खडे मी-लॉर्ड हैं देखो ,गुनाहों की हिमायत में

हकीकत को बयाँ करता ये शेर वाह खूब
वाह भाई जी अच्छी ग़ज़ल हुई बधाई
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 25, 2014 at 2:25pm

कटारा जी

जज्बात के कद्र करता हूँ i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 25, 2014 at 1:28pm
बहुत ही अच्छी ग़ज़ल। बेहतरीन अशआर। बह्र को खूब निभाया है। आदरणीय उमेश जी हार्दिक बधाई। एक छोटा सा सुझाव यदि आपको उचित लगे तो,
बिचराधीन को विचाराधीन और बक़ाल त को वक़ालत कर लीजिये

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया... सादर।"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय समर साहब,  इस बात को आप से अच्छा और कौन समझ सकता है कि ग़ज़ल एक ऐसी विधा है जिसकी…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"वाह, हर शेर क्या ही कमाल का कथ्य शाब्दिक कर रहा है, आदरणीय नीलेश भाई. ंअतले ने ही मन मोह…"
9 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"कैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास ।  .. क्या-क्यों-कैसे सोच कर, यदि हो…"
10 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"  आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंद की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. सादर "
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"  आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, वाह ! उम्दा ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विविध
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सभी दोहे सुन्दर रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
11 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . उल्फत
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको "
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय बाग़पतवी भाई , बेहतरीन ग़ज़ल कही , हर एक शेर के लिए बधाई स्वीकार करें "
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
19 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service