For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पीर पैरों की खड़ा होने नही देती मुझे...............

पीर पैरों की खड़ा होने नही देती मुझे
मेरी देहरी ही बड़ा होने नहीं देती मुझे

फिर वही आँगन की परिधि में बँट गया 
किंतु सीमाएँ मेरी खोने नहीं देती मुझे

उधर पाबंदी ज़माने की हैं हँसनें पे मेरे
इधर दीवारें मेरी रोने नहीं देती मुझे

कर्म के ही हल सदा रखती है कंधें पर नियति 
पर कभी फसलें मेरी , बोने नहीं देती मुझे

रोज़ सहता हूँ पराजय के अनेकों दंश फिर भी
ज़िद ये साँसों की "अजय" मरने नही देती मुझे

अजय कुमार शर्मा
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 491

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 13, 2014 at 7:42pm

आदरणीय अजय जी इस रचना के लिए हार्दिक बधाई ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 12, 2014 at 12:07pm

आदरणीय भाई अजय जी इस सार्थक प्रयास के लिए हार्दिक बधाई ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 11, 2014 at 9:35pm

आदरणीय अजय भावों के लिये बधाई एवं शुभकामनायें

Comment by Meena Pathak on December 11, 2014 at 6:18pm

उधर पाबंदी ज़माने की हैं हँसनें पे मेरे
इधर दीवारें मेरी रोने नहीं देती मुझे.......................बेहद उम्दा 

Comment by saalim sheikh on December 10, 2014 at 10:15pm

खूबसूरत रचना के लिए बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 10, 2014 at 8:23pm

आदरणीय अजय भाई , बहुत  बढ़िया बात कही है आपने । वाह

पीर पैरों की खड़ा होने नही देती मुझे
मेरी देहरी ही बड़ा होने नहीं देती मुझे -     बधाइयाँ ।

आ. योगराज भाई जी की बात से सहमत हूँ , रचना गज़ल होते होते रह गई है ।

Comment by Rahul Dangi Panchal on December 10, 2014 at 6:17pm
बहुत सुन्दर वाह!

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on December 10, 2014 at 10:39am

भाई अजय शर्मा जी, थोड़ी सी मेहनत से इस रचना को ग़ज़ल बनाया जा सकता था। मंच पर ग़ज़ल सम्बन्ध काफी जानकारी उपलब्ध भी है, उसका लाभ उठायें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
12 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
15 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
15 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
15 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
15 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
15 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service