For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहे - मीना पाठक

होते जो बहुरूपिया, मिले न उनकी थाह |
मन में अंतरघात  है, सुर है मधुर अथाह ||

गीली लकड़ी की तरह, सुलगी वो दिन रात |
सिसक-सिसक कर जल मुई,हृदय वेदना घात ||

.

जीवन के दिन चार हैं, नेक करें कुछ काज 
अंत समय कब हो निकट,नहीं पता कल आज ||

किस्मत में जो था मिला, सर फोड़े क्यों रोय |
पूर्व जन्म का कर्म है, अब रोये क्या होय ||

मीना पाठक 
मौलिक अप्रकाशित

Views: 744

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on August 4, 2014 at 11:31am

आदरणीय विजय शंकर जी, आ० शिज्जू जी, प्रिय कल्पना जी, प्रिय महिमा जी, आ० सविता जी , आ० राम शिरोमणि जी, आ० जवाहर लाल जी, आ० रमेश जी और प्रिय जितेन्द्र जी दोहे सराहने हेतु आप सभी का हृदय से आभार | सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 4, 2014 at 11:02am

बहुत सुन्दर सार्थक दोहे लिखें हैं मीना जी क्या बात है ....बहुत बहुत बधाई 

अंतिम दोहे के प्रथम चरण को इस तरह लिखें तो मेरे ख्याल से ज्यादा प्रभावी होगा ----किस्मत में था जो मिला ..

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 4, 2014 at 9:32am

जीवन के दिन चार हैं, नेक करें कुछ काज 
अंत समय कब हो निकट,नहीं पता कल आज......बहुत सुंदर सटीक सन्देश, बधाई स्वीकारें आदरणीया मीना दीदी

Comment by रमेश कुमार चौहान on August 3, 2014 at 8:21pm

मनमोहक दोहे, आदरणीया सादर बधाई

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 3, 2014 at 8:19pm

जीवन के दिन चार हैं, नेक करें कुछ काज 
अंत समय कब हो निकट,नहीं पता कल आज |

सुन्दर प्रस्तुति!

Comment by ram shiromani pathak on August 3, 2014 at 8:13pm

सुन्दर प्रयास हुआ है  आदरणीया।हार्दिक बधाई आपको। ।   सादर 

Comment by MAHIMA SHREE on August 3, 2014 at 5:27pm

गीली लकड़ी की तरह, सुलगी वो दिन रात |
सिसक-सिसक कर जल मुई,हृदय वेदना घात... sabhi dohen acche hai ye bahut pasand aaya .. hardik bdhai aadarniya mina di saadar

Comment by savitamishra on August 3, 2014 at 12:17am

सुन्दर दोहे नसीहतो के साथ 

Comment by kalpna mishra bajpai on August 2, 2014 at 10:54pm

मीना दी छुपी रुसतुम । बधाई बधाई /सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on August 2, 2014 at 6:35pm

आदरणीया मीना जी सारे दोहे बहुत अच्छे कहे हैं बहुत बहुत बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service