For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बचपन से देवेश को एक तिरष्कार, जो कभी मोहल्ले के दूसरे बच्चों या उनके पालकों द्वारा झिड़की भरे अंदाज से मिलता रहा था. इस वजह से देवेश का बचपन हमेशा एक डर और निरंतर टूटे  हुए आत्मबल में गुजरा. इन्ही मापदंडों के अनुसार अपनी पहचान को तरसते, आज वो बड़ा हो चुका है. निकला है एक सामजिक कार्यक्रम में शामिल होने को, अपनी एक पहचान और बहुत सारा आत्मबल लेकर.... भीड़ में जो उसे पहचानते है वो लोग उसे अनदेखा कर रहे थे . और जो उसे नही पहचानते , वो लोग जानने की कोशिश में लगे हुए है.....

“अरे..! बेटा तुम्हारा क्या नाम है...? किसके बेटे हो..? आज पहली बार तुम्हे देखा है..” एक अजनबी सज्जन ने पूछ ही लिया

“जी..! मेरा नाम देवेश है, मेरे पिता का नाम श्री दामोदर प्रसाद है..” देवेश ने बड़ी नम्रता से जवाब दिया

“ दामोदर प्रसादSSSSS!!!! …कभी नाम नही सुना..कहाँ रहते है..?  पहचान नही पा रहा हूँ..” अजनबी सज्जन ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा

 

देवेश ने कुछ बताना ही चाहा,  तभी एक परिचित सज्जन ने गुलाबी हंसी लिए एक आँख दबाकर तपाक से कहा..

 

“ अरे! यार ,,अपनी रत्ना  भाभी का बेटा है....!”

  

  

     जितेन्द्र ‘गीत’

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 846

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 31, 2014 at 10:40am

आदरणीय रवि जी, रचना पर आपकी सराहना हेतु ह्रदय से आभारी हूँ. आप बिलकुल सही कह रहे है अंतिम पंक्ति विष्फोटक ही है. आदरणीय योगराज जी से हमेशा मुझे स्नेह व् मार्गदर्शन मिलता रहा है याने  जीवन रक्षक टीका.   :-)))))))))))

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 30, 2014 at 10:44pm

रचना पर आपके अनुमोदन हेतु आपका हार्दिक आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी.

सादर!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 30, 2014 at 5:54pm

देवेश ने कुछ बताना ही चाहा,  तभी एक परिचित सज्जन ने गुलाबी हंसी लिए एक आँख दबाकर तपाक से कहा..

 

“ अरे! यार ,,अपनी रत्ना  भाभी का बेटा है....!”

 इस एक वाक्य के पीछे बहुत कुछ छिपा है , जिसका अंदाजा लगाना  कठिन है | सुन्दर लघु कथा के लिए बधाइयाँ |

Comment by savitamishra on July 30, 2014 at 3:14pm

आपकी लघुकथा बहुत बढ़िया

Comment by Ravi Prabhakar on July 30, 2014 at 12:17pm

आदरणीय जितेन्द्र जी,
आपकी लघुकथा बहुत ही उम्दा लगी। अंतिम पंक्ति ने तो एक विघ्वंसक विस्फोट कर ही कर दिया। एकदम पूर्ण लघुकथा। आपको हृदय से शुभकामनाएं। आपकी पहली लघुकथा पर आदरणीय प्रधान सम्पादक महोदय श्री योगराज जी ने अपनी प्रतिक्रिया में आपको कुछ टिप्स दिए थे और उस प्रतिक्रिया को जीवन रक्षक टीका कहा था। प्रिय मित्र आज वो जीवन रक्षक टीका आपकी रचनाओं पर अपना प्रभाव दिखा रहा है। धन्यवाद।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 30, 2014 at 10:43am

समाज में छोटी/ओछी मानसिकता पर तंज कस ने सफल लघु कथा के लिए बधाई श्री जितेन्द्र "गीत" भाई 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 29, 2014 at 11:33pm

लघुकथा पर आपकी उपस्थिति से बहुत संबल मिला , आदरणीया राजेश दीदी. स्नेह बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 29, 2014 at 11:32pm

आपका ह्रदय से आभार , आदरणीय विनय जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 29, 2014 at 11:30pm

आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका ह्रदय से आभारी हूँ ,आदरणीय डा.विजय जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 29, 2014 at 11:27pm

रचना पर आपकी सराहना पाकर ,रचना धन्य हुई आदरणीय डा.गोपाल जी. आपका ह्रदय से आभार

सादर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service