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माँ है तेरी प्रार्थना ,माँ ही बनी अजान
माँ ही तेरा है खुदा माँ तेरा भगवान |


गीता कुरान में मिले रामायण में वास
माँ की ममता से सदा बढ़ता है विश्वास |


माँ की पूजा तुम करो माँ है खुदा समान
मंदिर मस्जिद ढूंडता घर बैठा भगवान |


मंदिर मस्जिद माँ बनी माँ बनी गुरूद्वार
चढ़ता जो इस नाव पे उतरेगा वो पार |


माँ समझे तेरी ख़ुशी माँ ही समझे पीर
माँ के नैनों से बहे केवल ममता नीर |


बच्चे होते हैं सबल जो माँ का हो साथ
मिलता मनचाहा अगर सिर पर माँ का हाथ |


माँ मूरत भगवान की इसका सुंदर रूप
माँ है छाया पेड़ सी लगने ना दे धूप |

....................................................

मौलिक व अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Sarita Bhatia on May 14, 2014 at 9:57am

आदरणीय श्याम जी हार्दिक आभार 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 14, 2014 at 7:36am

माँ मूरत भगवान की इसका सुंदर रूप
माँ है छाया पेड़ सी लगने ना दे धूप..........माँ को समर्पित बहुत ही सुंदर दोहे, हार्दिक बधाई आपको आदरणीया सरिता जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 13, 2014 at 10:55pm

आदरणीया सरिता जी माँ को समर्पित दोहों के लिये दिली मुबारकबाद,
दोहों के विषम चरण में जगण वर्जित है ज़रा देख लीजियेगा

Comment by Meena Pathak on May 13, 2014 at 10:21pm

माँ को समर्पित इन दोहों के लिए बधाई स्वीकारें आदरणीया सरिता जी 

Comment by coontee mukerji on May 13, 2014 at 4:11pm

सुंदर दोहे.हार्दिक बधाई सरिता जी.

Comment by Shyam Narain Verma on May 13, 2014 at 2:32pm
सुंदर दोहों की बधाई, पूरे मन से ....................

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