For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मानव

मानव इस संसार का, स्वयं बृह्म साकार।
दंगा आतंक द्वेष को, खुद देता आकार।।1

मानव मन का दास है, पल पल रचता रास।
अन्तर्मन को भूल कर, बना लोक का हास।।2

तंत्र-मंत्र मनु सीख कर, चढ़ा व्यास की पीठ।
करूणाकर सम बोलता, इन्द्रराज अति ढीठ।।3

स्वर्ग जिसे दिखता नहीं, वह है दुर्जन धूर्त।
मात-पिता के चरण में, चौदह भू-नभ मूर्त।।4

पाठ पढ़े हित प्रेम का, कर्म करे विस्तार।
ज्ञान सुने ज्ञानी बने, भाव भरें संस्कार।।5

सीधा उल्टा सब चले, दुनियॉं चक्र आकार।
साधु संत सत्यम कहें, सुख फकीर का सार।।6

कण-कण में जो रम रहा, तन मन का दरबान।
मानव उसको भूल कर, लूटे रज परिधान ।। 7

के0पी0सत्यम- मौलिक व अप्रकाशित

Views: 405

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 2, 2014 at 7:36pm

आ0 विजय भाई जी, आपके स्नेह और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by विजय मिश्र on April 2, 2014 at 2:19pm
वाह केवल भाई , सारगर्भित , रचना के लिए आभार
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 1, 2014 at 9:42am

आ0 अन्नपूर्णा जी, आपके स्नेहिल सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 1, 2014 at 9:40am

आ0 कुन्ती दी'जी, आपके स्नेह और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 1, 2014 at 9:36am

आ0 लक्ष्मण सर जी, आपका बहुत - बहुत आभार।  सादर,

Comment by annapurna bajpai on March 31, 2014 at 11:23pm

 सुंदर दोहे , बधाई आपको आ0 केवल भाई जी । 

Comment by coontee mukerji on March 31, 2014 at 5:15pm

बहुत  सुंदर दोहे.......मानव मन का दास है, पल पल रचता रास।
अन्तर्मन को भूल कर, बना लोक का हास।।2

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 31, 2014 at 12:19pm

सुन्दर दोहे रचे है | हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
15 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
17 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
17 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
17 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
17 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
17 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service