For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल : जाति की बात करने से क्या फ़ायदा

बह्र  : २१२ २१२ २१२ २१२

 

ये ख़ुराफ़ात करने से क्या फ़ायदा

जाति की बात करने से क्या फ़ायदा

 

हाय से बाय तक चंद पल ही लगें

यूँ मुलाकात करने से क्या फ़ायदा

 

हार कर जीत ले जो सभी का हृदय

उसकी शहमात करने से क्या फ़ायदा

 

आँसुओं का लिखा कौन समझा यहाँ?

आँख दावात करने से क्या फ़ायदा

 

ये जमीं सह सके जो बस उतना बरस

और बरसात करने से क्या फ़ायदा

 

कुछ नया कह सको गर तो ‘सज्जन’ सुने

फिर वही बात करने से क्या फ़ायदा

----------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 650

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 4, 2014 at 11:32am

बहुत बहुत धन्यवाद Saurabh Pandey जी। आप सही हैं, सही शब्द दवात है ये शे’र मुझे हटाना पड़ेगा।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 4, 2014 at 11:31am

बहुत बहुत धन्यवाद Dr.Prachi Singh जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 4, 2014 at 11:30am

बहुत बहुत धन्यवाद वीनस जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 26, 2014 at 8:14pm

वाह .. अच्छीग़ज़ल हुई है, आदरणीय धर्मेन्द्रजी.

दाद कुबूल करें.

वैसे, सही शब्द दवात है.  आप सही भी हो सकते हैं.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 26, 2014 at 5:53pm

हार कर जीत ले जो सभी का हृदय

उसकी शहमात करने से क्या फ़ायदा............सुन्दर 

अच्छी ग़ज़ल हुई है 

बधाई स्वीकारें आ० धर्मेन्द्र जी 

Comment by वीनस केसरी on March 24, 2014 at 1:25am

हाय से बाय तक चंद पल ही लगें

यूँ मुलाकात करने से क्या फ़ायदा

 

हार कर जीत ले जो सभी का हृदय

उसकी शहमात करने से क्या फ़ायदा

वाह वाह भाई क्या कहने ...

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on March 23, 2014 at 3:03pm

तह - ए - दिल से शुक्रगुजार हूँ बृजेश नीरज जी 

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on March 23, 2014 at 2:56pm

बहुत बहुत शुक्रिया  Omprakash Kshatriya जी 

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on March 23, 2014 at 2:55pm

बहुत बहुत धन्यवाद yogesh shivhare जी 

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on March 23, 2014 at 2:51pm

बहुत बहुत शुक्रिया गिरिराज भंडारी जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service