For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सरस्वती वंदना (गीतिका छंद)

हे भवानी आदि माता, व्याप्त जग में तू सदा ।
श्‍वेत वर्णो से सुशोभित, शांत चित सब से जुदा ।।
हस्त वीणा शुभ्र माला, ज्ञान पुस्तक धारणी ।
ब्रह्म वेत्ता बुद्धि युक्ता, शारदे पद्मासनी ।।

हे दया की सिंधु माता, हे अभय वर दायनी ।
विश्‍व ढूंढे ज्ञान की लौ, देख काली यामनी ।।
ज्ञान दीपक मां जलाकर, अंधियारा अब हरें ।
हम अज्ञानी है पड़े दर, मां दया हम पर करें ।।
---------------------------
मौलिक अप्रकाशित

Views: 806

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on February 10, 2014 at 2:33pm

बहुत ही सुन्दर प्रयास हुआ है जी,भाई ऐसे ही लिखते रहें  .   शुभ  शुभ

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 7, 2014 at 7:54pm

आदरणीय सौरभजी, मात्रा गणना में त्रुटि हुई है इस ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिये हार्दिक आभार । इस पोष्ट में संशोधन के क्या उपाय है?


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 6, 2014 at 5:13pm

गीतिका छंद पर संयत प्रयास करने के लिए हार्दिक बधाई, भाई रमेशजी.

अंधियारा और अज्ञानी की मात्रायें छंद की मात्रिकता के हिसाब से क्रमशः ११२२ तथा २२२  होंगी. किन्तु इस तरह से प्रयोग न होने के कारण गेयता भंग हो गयी है. देख लेंगे.

बहरहाल, आपका अभ्यास सुगढ़ है.

शुभेच्छाएँ

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 6, 2014 at 10:56am

आदरणीय अन्पूर्णाजी सादर आभार आपका

Comment by annapurna bajpai on February 6, 2014 at 1:42am

सुंदर अति सुंदर गीतिका छंद माँ चरणों मे अर्पित किया है आपने , बधाई आपको आ0 रमेश कुमार जी । 

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 5, 2014 at 10:22pm
आदरणीय भंडारीजी, जितेन्द्रजी तथा आदरणीया कुतीजी आपलोगो के सराहना के लिये सादर धन्यवाद । आदरणीय भंडारीजी अटकाव दूर करने का प्रयास कर रहा हू । सादर आभार
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 4, 2014 at 11:06pm

बसंत पंचमी के पावन पर्व पर बहुत सुंदर रचना , बधाई आदरणीय रमेश जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 4, 2014 at 10:31pm

आदरणीय रमेश भाई , गीतिका छंद  की सुन्दर प्रस्तुति के लिये आपको हार्दिक बधाई ॥ अंतिम दो पंक्ति मे पढने मे अटकाव है , मुझे छंद ज्ञान नही है , अतः गुणीजनो राय अनुसार काम करें ॥

Comment by coontee mukerji on February 4, 2014 at 9:55pm

हे दया की सिंधु माता, हे अभय वर दायनी ।
विश्‍व ढूंढे ज्ञान की लौ, देख काली यामनी ।।
ज्ञान दीपक मां जलाकर, अंधियारा अब हरें ।
हम अज्ञानी है पड़े दर, मां दया हम पर करें ।।......आज के पावन पर्व पर माँ शारदे को नमन.रमेश जी,साधुवाद.
---------------------------

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 4, 2014 at 8:56pm

आदरणीया सादर धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service