For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!!! काले काले वर्षा वाले !!!! अतुकांत !!!!

सावन के बादल

काले काले ,

वर्षा वाले !

क्षुधित मानव की प्यास

बुझाने वाले ,

अपना बूँद बूँद दे कर भी

ज्यों दिख रहे ,

अब

शांत , सुखी , 

संतुष्ट, संतृप्त !!

सब कुछ दे कर

पहले से और अधिक

समृद्ध  !!!

जिनको दिया

उनकी

हरियाली से आनन्दित !!!!

बस !

उन्ही की खुशियों से

सम्बन्धित !!!!

ऐसा होता है ,

एक पिता , जब होता है

वृद्ध !!!!!!!

********************

!!!! ऐसे हर एक पिता को

सादर नमन के साथ  !!!!

********************

गिरिराज भंडारी

भिलाई

******

मौलिक एवँ अप्रकाशित ( संशोधित )

Views: 775

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 10, 2013 at 6:43pm

आपके प्रयास और आपकी संलग्नता से मन प्रसन्न हो जाता है,आदरणीय.

बहुत कुछ पहले ही कह दिया गया है. रचना की गंभीरता को मान देते हुए प्रदत्त सुझावों के बरअक्स पढ रहा हूँ.

बधाई

सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 6, 2013 at 11:52pm

आदरणीय बड़े भाई विजय जी , आपकी सराहाना मेरा  हौसला  हमेशा दोबारा करतीं हैं  !!!! आपका हार्दिक आभार !!!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 6, 2013 at 11:50pm

आदरणीय जितेन्द्र भाई , रचना की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ !!!!!

Comment by vijay nikore on December 6, 2013 at 9:03am

बहुत गूढ़, गंभीर चिन्तन से भरपूर रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय गिरिराज भाई।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 5, 2013 at 9:51pm

शांत , सुखी ,  तृप्त ,

संतुष्ट, संतृप्त !!

सब कुछ दे कर

पहले से और अधिक

समृद्ध  !!!

जिनको दिया

उनकी

   हरियाली से आनन्दित !!!!

बस !

शब्द भाव पूर्णत: शांत, गहराई सागर की तरह, कोई आतुरता नहीं केवल गंभीरता,सच! एक पिता के समान रचना,  बधाई स्वीकारें आदरणीय गिरिराज जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 5, 2013 at 2:07pm

आदरणीय आशुतोष भाई , सराहना और उत्साह वर्धन के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया !!!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 5, 2013 at 2:06pm

आदरणीय राम भाई , सराहना के लिये आपका आभारी हूँ !!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 5, 2013 at 2:05pm

आदरणीया प्राची जी  , रचना की सराहना के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ !!!! विस्तार से गलतियाँ बताने और सुधार सुझाने के लिये आपका आभारी हूँ , मै जरूर सन्शोधन कर लूंगा !!!! आपका पुनः आभार !!!!

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 5, 2013 at 10:41am

आदरनीय गिरिराज भाईसाब ..आपकी इस रचना पर आपको हार्दिक बधाई के साथ .....सादर 

Comment by ram shiromani pathak on December 4, 2013 at 10:33pm

सुंदर कविता आदरणीय गिरिराज जी ! हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आप हमेशा वहीँ ऊँगली रखते हैं जहाँ मैं आपसे अपेक्षा करता हूँ.ग़ज़ल तक आने, पढने और…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..बधाई स्वीकार करें ..सही को मैं तो सही लेना और पढना…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी साहिब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, हार्दिक आभार, मेरा लहजा ग़जलों वाला है, इसके अतिरिक्त मैं दौहा ही ठीक-ठाक पढ़ लिख…"
8 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service