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दोहे : अरुन शर्मा 'अनन्त'

मन से सच्चा प्रेम दें, समझें एक समान ।
बालक हो या बालिका, दोनों हैं भगवान ।।

उत्तम शिक्षा सभ्यता, भले बुरे का ज्ञान ।
जीवन की कठिनाइयाँ, करते हैं आसान ।।

नित सिखलायें नैन को, मर्यादा सम्मान ।
हितकारी होते नहीं, क्रोध लोभ अभिमान ।।

ईश्वर से कर कामना, उपजें नेक विचार ।
भाषा मीठी प्रेम की, खुशियों का आधार ।

सच्चाई ईमान औ, सदगुण शिष्टाचार ।
सज्जन को सज्जन करे, सज्जन का व्यवहार ।।

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

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Comment by Satyanarayan Singh on November 16, 2013 at 5:21pm

सुन्दर दोहावली हेतु हार्दिक बाधाई आदरणीय अरुण जी,

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 16, 2013 at 3:05pm

कमाल के दोहे ...सभी मुझे पसंद आये ..आप तो हर बिधा में दखल रखते है ..मेरी तरफ से हार्दिक बढ़ाई आपकी फोटो पर सदस्य कार्यकारिणी का बोर्ड लगा हुआ है ..इसके लिए भी हार्दिक बधाई 

Comment by Saarthi Baidyanath on November 15, 2013 at 10:20pm

बहुत ही व्यावहारिक दोहे लिखे हैं आपने ...

ईश्वर से कर कामना, उपजें नेक विचार ।
भाषा मीठी प्रेम की, खुशियों का आधार ।

सच्चाई ईमान औ, सदगुण शिष्टाचार ।
सज्जन को सज्जन करे, सज्जन का व्यवहार ।।.....बहुत बहुत शुभकामनाएं श्रीमान :)

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on November 15, 2013 at 10:14pm

सच्चाई ईमान औ, सदगुण शिष्टाचार ।
सज्जन को सज्जन करे, सज्जन का व्यवहार ।।

 

यह आखिरी पंक्ति सज्जन को सज्जन करे , सज्जन सा व्यवहार , माफ़ कीजियेगा मुझे ऐसा लगा की ऐसी होनी चाहिए अधिक प्रभावी रहेगी 

बहुत बहुत बधाई 

Comment by Meena Pathak on November 15, 2013 at 5:50pm

वाह क्या बात ............बहुत सुन्दर दोहे, बहुत बहुत बधाई आप को आदरणीय अरुन जी | सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 15, 2013 at 9:12am

वाह भाई अरूणजी बेहतरीन दोहावली है बधाई स्वीकार करें

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 14, 2013 at 11:58pm

बहुत सुंदर दोहे, हर दोहा सन्देश देता हुआ, बधाई स्वीकारें आदरणीय अरुण अनन्त जी

उत्तम शिक्षा सभ्यता, भले बुरे का ज्ञान ।
जीवन की कठिनाइयाँ, करता है आसान ।।

Comment by Sushil.Joshi on November 14, 2013 at 9:18pm

वाह आ0 अरुन भाई...... सभी दोहे पूर्णत: नीतिपरक बन पड़े हैं..... अपनी उत्कृष्टता पर खरे उतरते इन शानदार दोहों हेतु हार्दिक बधाई....


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 14, 2013 at 8:26pm

आदरणीय अरुण अनंत भाई , बहुत सुन्दर दोहों की रचना की है आपने , सभी दोहे नीति वाक्यों के समान शिक्षाप्रद हैं !                     !!! आपको हार्दिक बधाई !!!!

Comment by Abhinav Arun on November 14, 2013 at 7:26pm

सुन्दर और नेकी भरे दोहों ने मन मोह लिया अरुण जी हार्दिक बधाई आपको !!

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