For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

1.

भ्रष्ट नेता रे,
लालची मतदाता,
लोकतंत्र है ?

2.

पढ़े लिखे हो ?
डाले हो कभी वोट ?
क्यो देते दोष ??

3.

देख लो भाई,
कौन नेता चिटर ?
तुम वोटर ।

4.

तुम हो कौन ?
सरकार है कौन  ?
जनता मौन ।

5.

क्या मानते हो ?
ये देश तुम्हारा है ।
मौन क्यों भाई ??

.
...........‘‘रमेश‘‘............
मोलिक अप्रकाशित

Views: 543

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 1, 2013 at 8:56pm

अच्छे हाइकु हुए हैं , भाई. बधाई

Comment by विजय मिश्र on September 30, 2013 at 11:24am
रमेशजी , लाँछन भी उचित और व्यक्त दुर्दशा भी . भारत की जनता को जाग्रत करने का सराहनीय प्रयास . बधाई .
Comment by Meena Pathak on September 29, 2013 at 4:22pm

बहुत सुन्दर हाइकू ... बधाई आप को 

Comment by annapurna bajpai on September 28, 2013 at 12:10am

बढ़िया हाइकु , बधाई आपको । आदरणीय रमेश जी । 

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on September 27, 2013 at 11:18pm

सुन्दर हाइकु आदरणीय  रमेश कुमार चौहान जी |

Comment by रमेश कुमार चौहान on September 27, 2013 at 8:49pm

आ. रविकरजी, आ.अभिनव अरूणजी, आ. रामशिरोमणी पाठकजी, आ. अरूण शर्माजी, आ.गिरिराज भंडारीजी आप सभी इस रचना को सराहा मुझे प्रोत्साहित किया आप सभी का हार्दिक आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 27, 2013 at 7:06pm

वर्तमान समय के उपर  बहुत सुन्दर  हाइकू के रचना हुई हैइ भाई , आदरणीय आपको बधाई !!

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 27, 2013 at 5:18pm

आदरणीय रमेश जी बहुत ही बढ़िया प्रयास हाइकू विधा पर हार्दिक बधाई स्वीकारें.

Comment by ram shiromani pathak on September 27, 2013 at 5:04pm

सुन्दर हाइकु रचे है आपने रमेश भाई //हार्दिक बधाई आपको //सादर

Comment by Abhinav Arun on September 27, 2013 at 4:33pm

पढ़े लिखे हो ?
डाले हो कभी वोट ?
क्यो देते दोष ??

 

          ...... मन भाये

                 जी हर्षाएं

                   हाइकू लाये

 

शुभकामनाये बहुत बहुत आदरणीय !! सामयिक सशक्त रचनाएँ !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
15 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
16 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
19 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service