For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुछ स्वतंत्र लाइनें

आगे बढ़ती भारत माँ के, पैरों में चुभ रहे काँटे !
आओ हम मिल कर उसके, एक एक दर्द को बाँटे !

समता, करूणा, वैभवशाली, भारत माँ की शान निराली !
धर्म ,प्रांत , जाति में बँटकर, हमने इसकी आभा बिगाड़ी !

जिस किसी ने भारत माँ पर, बुरी निगाह गड़ाई है ।
हमारे सपूतों ने हिम्मत से, उन्हें गर्त दिखाई है।

हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई, इन नामों को बदलो भाई।
हम सब तो बस बन्दे है, इस झंझट में क्यूं पड़ते हैं।

कोई ना रहेगा पराया तब, सब अपने बन जायेंगे !
सब मिलकर जब अपना मजहब, प्यार, भाईचारा बनायेगे !

जब जब देष पर संकट आया, भाईचारा सबने दिखलाया ।
चाहे रोग हो या आपदा, मिलकर सबने दूर भगाया ।

हम सब भाई मिलकर ही, यह भ्रष्टाचार मिटायेंगे
सारे भारतवंशी मिलकर, यह दहश्तवाद भगायेंगें !

एक प्रण अब करना होगा, कभी नही अब झुकना होगा।
हम आगे बढ़ते जोयेंगे, दुश्मन  को धूल चटायेंगे।

अनेक दर्द जब उसने सहे हैं, तब जाकर हम बड़े हुए हैं ।
अब तो कर्ज चुकाना होगा, भाई चारा फैलाना होगा।

अब ना होगा काई मजहब, ना होगा कोई क्षेत्रवाद !
सबकी जाति प्रेम बनेगी, जब बढ़ेगा एक एक हाथ।

कोई मजहब कोई क्षेत्र हो, सबका अब बस यही ध्येय हो,
भारत माँ के कष्टों को अब, सदा के लिए मिटाना होगा !

हमारी प्रगति की राह में आते, हर रोड़े को हटाना होगा !
विश्व शान्ति का ध्वज फिर से, भारत माँ को थमाना होगा !

गुरू और मार्गदर्शक का, ताज फिर हथियाना होगा,
विज्ञान की नित नई खोज कर, विष्व जगत में छाना होगा !

माँ के सपूतों का बलिदान, व्यर्थ में नही गंवाना होगा !
औरो की भाषा में ही अब, उन्हें पाठ पढ़ाना होगा !

भोली भाली भारत माँ, जो ना समझे हिंसा को !
कुछ स्वार्थी लोगो ने मिलकर, लूटा पल पल इसको ।

! मौलिक एवं अप्रकाशित !

          

Views: 799

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 25, 2013 at 10:58am

इस प्रयास पर हार्दिक बधाई.

सादर

Comment by D P Mathur on August 15, 2013 at 12:15pm

आदरणीया महिमा जी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं , रचना पसंद करने के लिए आपका  आभार और धन्यवाद !

Comment by MAHIMA SHREE on August 15, 2013 at 12:03pm

आदरणीय माथुर जी स्वतंत्रता दिवस की मंगलवेला पर देश भक्ति से ओत प्रोत प्रस्तुती के लिए बधाई आपको और शुभकामनाये

Comment by D P Mathur on August 15, 2013 at 7:51am

आप सभी साहित्यकारों की टिप्पणी ने मेरी लेखनी को पसंद करके मुझे चार्ज कर दिया है इससे मन के भावों को प्रकट करने का मेरा सिलसिला आगे बढ़ाने की हिम्मत मिल गई है  इस रचना को पसंद करने के लिए आप सभी का तहेदिल से आभार और धन्यवाद !

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 14, 2013 at 9:54pm

आ0 माथुर सर जी,  सादर प्रणाम!  वाह!  देश प्रेम की बेहतरीन रचना। तहेदिल से बधाई स्वीकार करें।  सादर,

Comment by annapurna bajpai on August 14, 2013 at 8:21pm


अब ना होगा काई मजहब, ना होगा कोई क्षेत्रवाद !
सबकी जाति प्रेम बनेगी, जब बढ़ेगा एक एक हाथ।...................... ईश्वर करे ऐसा ही हो आपकी बात सच हो जाए एक

                                                                                          बार फिर भारत सच मे स्वतंत्र हो जाए ।

माँ के सपूतों का बलिदान, व्यर्थ में नही गंवाना होगा !
औरो की भाषा में ही अब, उन्हें पाठ पढ़ाना होगा !.............................. एकदम सत्य वचन ऐसा ही करना होगा ।                                                                                                 आपको इतनी सुंदर रचना के लिए बहुत बधाई।

 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 14, 2013 at 6:51pm

स्वतंत्रता दिवस के पूर्व संध्या पर देश भक्ति से ओतप्रोत भाव लिए रचना प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकारे श्री माथुर साहब 

Comment by shubhra sharma on August 14, 2013 at 6:06pm

आदरणीय माथुर जी, आपने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशभक्ति की अच्छी भाव भरी है , जय जय हिन्द 

Comment by बसंत नेमा on August 14, 2013 at 4:55pm

अति सुन्दर रचना अति सुन्दर भाव अति सुन्दर अभिव्यक्ति ....बधाई 

Comment by Shyam Narain Verma on August 14, 2013 at 2:54pm
भावनाओं से ओतप्रोत रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें.... 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
3 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
3 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
5 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
7 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
9 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service