For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुरंग (बैरवे) पर एक प्रयास.

देख पिया को सम्मुख,मन हर्षाय,

देखे मुख को गौरी,नयन घुमाय/

 

पागल प्रेम दिवानी,पिया रिझाय,

सुधबुध खोकर अपनी,झूमति जाय/

 

हाथ धरे कभी शीश,चुमती जाय,

बनी मतवाली रीझ,घुमती जाय/

 

मुस्काय दिल पर हाय,घाव लगाय,

व्याकुल मनवा थिरके,चैन न पाय/

 

प्रेम पगे दिल आयी,मिलन कि चाह,

प्रेम बिना सूझे नहि, दूजी राह/

Views: 788

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on October 15, 2012 at 7:14pm

विनीता जी

              सादर, आपको बैरवे छंद के भाव पसंद आये आपका हार्दिक आभार.

Comment by Ashok Kumar Raktale on October 15, 2012 at 7:13pm

आदरणीय सौरभ जी

                     सादर, बिलकुल, यह बैरवे पर मेरा प्रथम प्रयास है. आदरणीय अम्बरीश जी के सहयोग से मै इसके विधान को समझ सका हूँ आशा है आगे इसकी त्रुटियों में सुधार कर सकूंगा. आपके स्नेहाशीष के लिए हार्दिक आभार.

Comment by Vinita Shukla on October 15, 2012 at 12:53pm

सुन्दर भाव्यभिव्यक्ति अशोक जी. बधाई.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 15, 2012 at 8:18am

आपका बरवै पर यह संभवतः फल प्रयास है, भाईजी. लेकिन प्रयास के प्रति आपकी गंभीरता प्रस्तुति को गरिमामय बना रही है. 

हार्दिक धन्यवाद व शुभकामनाएँ.

Comment by Ashok Kumar Raktale on October 15, 2012 at 7:45am

आदरणीय अम्बरीश जी

                       सादर, मेरा भी प्रयास आपसे अधिकाधिक ज्ञानार्जन का रहेगा अवश्य ही मै पुनः बैरवे पर प्रयास करूँगा. आभार.

Comment by Ashok Kumar Raktale on October 15, 2012 at 7:42am

आदरणीय बागी जी 

                       सादर प्रणाम, आपकी बधाई अवश्य ही मुझे और अच्छे बैरवे लिखने के लिए प्रेरित करेगी. आभार.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 14, 2012 at 6:26pm

सुन्दर प्रयास रक्ताले साहब, बधाई स्वीकारें |

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 12, 2012 at 11:43pm

स्वागत है आदरणीय अशोक जी, हमें आपके बरवै छंदों की प्रतीक्षा रहेगी !

Comment by Ashok Kumar Raktale on October 12, 2012 at 7:23pm

आदरणीय अविनाश जी

                    सादर, यह मेरा बैरवे पर प्रथम प्रयास था आपकी वाह.... मन को गदगद कर रही है.आपका हार्दिक आभार.

Comment by Ashok Kumar Raktale on October 12, 2012 at 7:21pm

आदरणीय लडीवाला जी

                   सादर प्रणाम, आपको यह प्रयास पसंद आया आपकी प्रतिक्रया पाकर मुझे उतना ही संतोष मिला. आभार.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service