For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अपनी अदा 
 

आज हम ग़म से वाकिफ हैं,असर तेरी दुआ का है
हर हाल में जीते हम यह अपनी अदा है दोस्त

हक़ दोस्ती-ओ-मुहब्बत का अदा हमको भी करना है
हम हँसते हुए कुर्वान हुए यह अपनी वफ़ा है दोस्त

दुनियाँ यकीं करे न करे तुम ज़रूर कर लेना
हमने तुमपे ऐतवार किया यह अपनी ख़ता है दोस्त

मुहब्बत करना छोड़ देना आज फैशन सा हो गया है
वेवफाई की आजकल हर तरफ हवा है दोस्त

दीपक 'कुल्लुवी' इश्क के जनूँ में बह गया
उसी जनूँ की मिल रही भारी सज़ा है दोस्त

दीपक कुल्लुवी
09350078399
12 -09 -12 .

Views: 467

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on September 13, 2012 at 12:24pm
योगी जी 

ज़माना दिल से भुला देगा हमको या दिल में बसा लेगा

वोह सिला अपनी मुहब्बत का कुछ तो ज़रूर देगा 
दीपक कुल्लुवी 
Comment by Yogi Saraswat on September 13, 2012 at 10:42am

दुनियाँ यकीं करे न करे तुम ज़रूर कर लेना
हमने तुमपे ऐतवार किया यह अपनी ख़ता है दोस्त

स्वागत है , खूबसूरत शब्द

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on September 13, 2012 at 9:37am
अलबेला जी.श्रीवास्तव जी रेखा जी,राजेश जी,कपूर साहिब..........

आप सबने मेरी खता पर ऐतवार किया ,दिली तौर पर शुक्रगुज़ार हूँ आप सबका .......

दीपक कुल्लुवी
Comment by Albela Khatri on September 13, 2012 at 9:13am

दुनियाँ यकीं करे न करे तुम ज़रूर कर लेना
हमने तुमपे ऐतवार किया यह अपनी ख़ता है दोस्त

waah kya baat hai

Comment by Er. Ambarish Srivastava on September 12, 2012 at 11:05pm

//दुनियाँ यकीं करे न करे तुम ज़रूर कर लेना
हमने तुमपे ऐतवार किया यह अपनी ख़ता है दोस्त//

इस सद्प्रयास के लिए बधाई मित्रवर !

Comment by Rekha Joshi on September 12, 2012 at 5:48pm

दुनियाँ यकीं करे न करे तुम ज़रूर कर लेना
हमने तुमपे ऐतवार किया यह अपनी ख़ता है दोस्त ,खूबसूरत  रचना पर हार्दिक बधाई दीपक जी 

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on September 12, 2012 at 5:27pm

shukriya rajesh ji,kapoor sahib


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 12, 2012 at 5:17pm

बहुत बढ़िया ,बहुत बढ़िया --दुनियाँ यकीं करे न करे तुम ज़रूर कर लेना
हमने तुमपे ऐतवार किया यह अपनी ख़ता है दोस्त 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service