For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुरुवर तुम्हें नमन है ( शिक्षक दिवस पर विशेष )

 

जिसने बताया हमको , लिखना हमारा नाम .
जिसने सिखाया हमको , कविता ,ग़ज़ल -कलाम .
समझाया जिसने हमको , दीने -धरम ,ईमान .
जिसने कहा कि एक है ,कह लो रहीम - राम .
भगवान से भी पहले ,करता नमन उन्हीं को .
मानों तो हैं  खुदा वो , ना मानों तो हैं आम .
गुरुवर तुम्हें नमन है , गुरुवर तुम्हें प्रणाम .
माटी के हम थे लोंदे .मूरत बनाया तुमने .
सूरत मिली खुदा से , सीरत सिखाया  तुमने.
माँ- बाप ने जना पर , हमको सजाया तुमने .
इंसान की शक्ल थी , इन्सां बनाया तुमने.
जीवन संवारा तुमने , तुमने हमें गढ़ा है .
यीशु कहूँ या मौला , वाहे गुरु या राम .
गुरुवर तुम्हें नमन है , गुरुवर तुम्हें प्रणाम .   

 ...... सतीश मापतपुरी      
      

Views: 1725

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 5, 2012 at 7:01pm

कृतज्ञ शिष्य की श्रद्धा सुन्दर ढंग से प्रस्तुत हुई है, सतीश भाईजी.

सादर

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 5, 2012 at 6:51pm
गुरुवार तुम्हे नमन है गुरुवार तुम्हे प्रणाम | उम्दा काव्यात्मक श्रद्धांजलि आदरणीय अशोक मापत्पुरीजी
आप सभी गुरु जनों को शिक्षक दिवस पर मेरा  नमन |   
Comment by satish mapatpuri on September 5, 2012 at 12:43pm

शुक्रिया संदीप जी 

Comment by satish mapatpuri on September 5, 2012 at 12:42pm

धन्यवाद कुमार गौरव साहेब 

 

Comment by satish mapatpuri on September 5, 2012 at 12:41pm

सराहना केलिए आभार डॉ . प्राची जी 

 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 5, 2012 at 11:31am

वाह वाह वाह आदरणीय सर जी
आपके इस गीत ने मोह लिया
क्या सार्थक वंदना की है गुरुचरणों की
नमन है गुरुवर को नमन है आपको

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 5, 2012 at 10:57am

शिक्षकों के प्रति श्रद्धा से भरी रचना.......बधाई स्वीकारें सतीश सर........


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 5, 2012 at 10:03am

गुरु चरणों में समर्पित इस श्रद्धानत काव्यांजलि हेतु हार्दिक बधाई व साधुवाद आदरणीय सतीश मापतपुरी जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"तरही की ग़ज़लें अभ्यास के लिये होती हैं और यह अभ्यास बरसों चलता है तब एक मुकम्मल शायर निकलता है।…"
11 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"एक बात होती है शायर से उम्मीद, दूसरी होती है उसकी व्यस्तता और तीसरी होती है प्रस्तुति में हुई कोई…"
36 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल अच्छी हुई। बाहर भी निकल दैर-ओ-हरम से कभी अपने भूखे को किसी रोटी खिलाने के लिए आ. दूसरी…"
45 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल अच्छी निबाही है आपने। मेरे विचार:  भटके हैं सभी, राह दिखाने के लिए आ इन्सान को इन्सान…"
59 minutes ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"221 1221 1221 122 1 मुझसे है अगर प्यार जताने के लिए आ।वादे जो किए तू ने निभाने के लिए…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आपने ठीक ध्यान दिलाया. ख़ुद के लिए ही है. यह त्रुटी इसलिए हुई कि मैंने पहले…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय नीलेश जी, आपकी प्रस्तुति का आध्यात्मिक पहलू प्रशंसनीय है.  अलबत्ता, ’तू ख़ुद लिए…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलकराज जी की विस्तृत विवेचना के बाद कहने को कुछ नहीं रह जाता. सो, प्रस्तुति के लिए हार्दिक…"
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"  ख़्वाहिश ये नहीं मुझको रिझाने के लिए आ   बीमार को तो देख के जाने के लिए आ   परदेस…"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी बहुत सुंदर यथार्थवादी सृजन हुआ है । हार्दिक बधाई सर"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद आ. चेतन प्रकाश जी..ख़ुर्शीद (सूरज) ..उगता है अत: मेरा शब्द चयन सहीह है.भूखे को किसी ही…"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"मतला बहुत खूबसूरत हुआ,  आदरणीय भाई,  नीलेश ' नूर! दूसरा शे'र भी कुछ कम नहीं…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service