For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बीवी को मत आँख दिखाओ बाबाजी

झूमो, नाचो, मौज मनाओ बाबाजी
जीवन का आनन्द उठाओ बाबाजी

ये क्या, जब देखो तब रोते रहते हो ?
घड़ी दो घड़ी तो मुस्काओ बाबाजी

मुझ जैसे मसखरे का चेला बन जाओ
दिवस रैन दुनिया को हँसाओ बाबाजी

ये सब नेता रक्तपिपासु कीड़े हैं
इनसे मत कुछ आस लगाओ बाबाजी

जनता के दुःख को जो अपना दुःख समझे
अब ऐसी सरकार बनाओ  बाबाजी

एक मिनट में ऐसी-तैसी कर देगी
बीवी को मत आँख दिखाओ बाबाजी

ओ बी ओ की परिपाटी है 'अलबेला'
आपस में सब प्यार लुटाओ बाबाजी

-अलबेला खत्री 

Views: 1142

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Ajay Khare on January 8, 2013 at 4:06pm

ALBELA JI AAPKI RACHANA ALBELI HE BADHAI

Comment by Albela Khatri on July 14, 2012 at 10:37pm

मैं अकेले कहाँ हँसता हूँ  उमाशंकर जी ?
ज़माना मेरे साथी हँसता है.....हा हा हा हा

__आपके स्नेह का कर्ज़दार हूँ,,,,,,,,,,,,,आभार

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 14, 2012 at 10:31pm

क्या बात है अलबेला जी आपकी ये बेबाकी की मै घर में भी मुस्करा  लेता हूँ .........बहुत बढ़िया लगी.... आप चिंता मत करो हम किसी से नहीं कहेंगे .... ऐसे एक सुझाव है अकेले में मत हंसा करो ...हा हा हा

Comment by Albela Khatri on July 14, 2012 at 10:23pm

आपने पकड़ लिया भैया ....हा हा हा हा

Comment by Arun Sri on July 14, 2012 at 8:58pm

एक मिनट में ऐसी-तैसी कर देगी
बीवी को मत आँख दिखाओ बाबाजी ........... एक पुरानी बात दोहराता हूँ -"अनुभव बोलता है !" हा हा हा हा !

Comment by Albela Khatri on July 14, 2012 at 6:45pm

भ्रमर जी.........
धन्यवाद  आपके प्यार का कर्ज़दार हूँ.........

संजीवन हनुमान ले गये बाबाजी
धनवंतरी दूकान ले गये बाबाजी

फिर भी बचा के रक्खा था जो भारत ने
नेता वो सामान ले गये बाबाजी

दबा के रखी थी थोड़ी सी ओंठों में
भ्रमरजी वो मुस्कान ले गए बाबाजी...हा हा हा आहा

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 14, 2012 at 6:35pm

जय श्री राधे 

आप ने आन लाईन हंसा भी दिया है बाबा जी 
खिला रहेगा जब तक ये दिल उपकार रहेगा बाबा जी ...
बड़े काम की औषधि है ये लगता हिम चढ़ आये हो 
धन्वन्तरी से संजीवनी लाये घोंट पिलाये बाबा जी ...
भ्रमर ५  
Comment by Albela Khatri on July 14, 2012 at 6:21pm

आदरणीय सुरेन्द्र कुमार शुक्ला भ्रमर जी
प्रणाम

आपने ये जो प्यार दिया है बाबाजी

प्यार और सत्कार दिया है बाबाजी 
उठ के खड़ा होने की कहाँ ज़रूरत है ?
on line  स्वीकार किया है बाबाजी ...हा हा हा

__साभार

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 14, 2012 at 6:04pm

आदरणीय अलबेला जी वाह वाह वाह  वाह वाह वाह ....मन करता है मिथुन दा जैसे उठ के खड़ा हो के आप का ऐसे ऐसे सम्मान करूं .....भ्रमर ५ 

Comment by Albela Khatri on July 14, 2012 at 8:49am

धन्यवाद सतीश मापतपुरी जी,,,,,
आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Jul 27
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service