For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शहरों में घर रूम रूम के बाबाजी

सावन आया झूम झूम के बाबाजी
बजे  नगाड़े  धूम धूम  के बाबाजी

छोरे ने छोरी के गाल भिगो डाले
चूम चूम के, चूम चूम के बाबाजी

घाट घाट का पानी पीने वालों ने
कपड़े पहने लूम लूम के बाबाजी

आँगन,वेह्ड़ा और वरांडा मत ढूंढो
शहरों में घर रूम रूम के बाबाजी

अलबेला को ओबीओ से इश्क़ हुआ
कहदो सबको घूम घूम के बाबाजी

-अलबेला खत्री

Views: 836

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on July 12, 2012 at 7:55am

ये गलत बात है आदरणीय वीनस केसरी  जी.......
इधर छोरी के गाल गीले हो गए, उधर आप हँस रहे हैं ....
चिदम्बरम साहेब को पता चला तो इस पे भी कर लगा देंगे ...हा हा हा
प्रति चुम्बन पांच रुपया .....हा हा हा

______वैसे आपको  पंक्तियाँ पसन्द आयीं........मेरा मन पुलकित हो गया
___आभार

Comment by Albela Khatri on July 12, 2012 at 7:49am

आदरणीय उमाशंकर जी,
ये रचना आपको पसंद आई,
मैं धन्य हो गया
मेरा कंप्यूटर धन्य हो गया
कंप्यूटर का स्क्रीन धन्य हो गया
की बोर्ड धन्य होगया
माउस धन्य हो गया
___बोले तो सबकुछ धन्य हो गया

__विनम्र आभार !

Comment by वीनस केसरी on July 12, 2012 at 2:08am

छोरे ने छोरी के गाल भिगो डाले
चूम चूम के, चूम चूम के बाबाजी

हा हा हा
क्या कहने ........

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 11, 2012 at 11:10pm

छोरे ने छोरी के गाल भिगो डाले
चूम चूम के, चूम चूम के बाबाजी ....आदरणीय अलबेला जी इतना रस मय....?  एक ही कविता में कई कई रंग डाल देते हैं मै पहले भी कहता था अब भी कहूँगा आलराउंडरी है 

वाह वाह बहुत बढ़िया है जी ......हमें भी पता चल गया .......

Comment by Albela Khatri on July 11, 2012 at 10:19pm

आपका तहेदिल से शुक्रिया भ्रमर जी........

__आपके स्नेहिल प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद

Comment by Albela Khatri on July 11, 2012 at 10:16pm

कैसे पता लगा दीप्ति जी...........
ये तो राज़ की बात थी........हा हा हा

__आपके आने का धन्यवाद
____आते रहिएगा ...अच्छा लगता है

Comment by Albela Khatri on July 11, 2012 at 10:14pm

आदरणीय संदीप द्विवेदी जी.....
आपकी सटीक टिपण्णी और  उदार सराहना ने मन को आनन्दित  कर दिया
ऊर्जस्वित कर दिया ......

___आपका हार्दिक आभार

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 11, 2012 at 10:08pm

आँगन,वेह्ड़ा और वरांडा मत ढूंढो 
शहरों में घर रूम रूम के बाबाजी 

अलबेला को ओबीओ से इश्क़ हुआ 
कहदो सबको घूम घूम के बाबाजी 

बड़ी ख़ुशी की खबर है आई इश्क चढ़ा परवान 
ओ बी ओ  अलबेला जी आये मन अब हुआ जवान 
गाओ झूम झूम के बाबा जी ..
सटीक दृश्य शहर आदि का 
भ्रमर ५ 

 

Comment by deepti sharma on July 11, 2012 at 7:13pm

वाह वाह बहुत खूब 

बधाई आपको 

हमे भी पता लग चूका है हा हा हा हा

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on July 11, 2012 at 2:12pm

वास्तविकता के धरातल पर सरल सहज शब्दों में आपकी यह कृति बहुत कुछ कहती है| ऐसा लेखन आपकी कलम के ही वश में है अलबेला जी| आपका इश्क़ हम सब के लिए बेहद ख़ुशी की बात है| सादर.. :-))

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service