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उसी फानूस ने ही दीप ये बुझाया दोस्तों

मनाने का हुनर हमको कभी न आया दोस्तों
बड़ी मगरूर थी वो मैं समझ न पाया दोस्तों

दिखे नादान सा लेकिन खबर सभी की है उसे
जिसे सबने सता के आदमी बनाया दोस्तों


गर्दिशों से मिटा जिसके ख्वाब महलों के रहे
  उजालों की ख्वाहिस में झोपड़ी जलाया दोस्तों

बुरा कितना रहा हो आदमी जमाने में मगर
जनाजा चार कांधो ने वही उठाया दोस्तों

तडपता वो रहा जिसके लिये जिगर को थाम के
उसी ने तोड़ के वादे उसे सताया दोस्तों

हवाएँ रोक जिसने रात भर बिखेरी रौशनी
उसी फानूस ने ही दीप ये बुझाया दोस्तों


संदीप कुमार पटेल "दीप"

Views: 512

Comment

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Comment by AjAy Kumar Bohat on May 12, 2012 at 8:32pm

gazal ke ek ek sher mein, bade hi khubsurat vichaar piroye hai sandeep bhai... wah wah

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 12, 2012 at 5:09pm

aapka bahut bahut aabhar Nilansh ji .........tahe dil se shukriya aapka

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 12, 2012 at 5:08pm
tahe dil se shukriya aapka संदीप कौशिक 'राही अंजान' bhai......aabhar aapka
Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 12, 2012 at 5:06pm
bahut bahut dhnyvaad aapka rajesh kumari ji ............bahut bahut aabhar
Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 12, 2012 at 5:04pm
bahut bahut aabhar aapka Roshni Dhir ji ........hriday se dhanyvaad
Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 12, 2012 at 5:03pm
bahut bahut shukriya aapka MAHIMA SHREE ji aapka sadar aabhar
Comment by Nilansh on May 12, 2012 at 11:36am

दिखे नादान सा लेकिन खबर सभी की है उसे
जिसे सबने सता के आदमी बनाया दोस्तों


bahut khoobsoorat ghazal sandeep ji


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 11, 2012 at 10:15pm

हवाएँ रोक जिसने रात भर बिखेरी रौशनी 
उसी फानूस ने ही दीप ये बुझाया दोस्तों.....vaah ...vaah kya baat hai .bahut sundar

Comment by Roshni Dhir on May 11, 2012 at 9:11pm

संदीप जी

हवाएँ रोक जिसने रात भर बिखेरी रौशनी 
उसी फानूस ने ही दीप ये बुझाया दोस्तों..

बहुत accha likha apne 

Comment by MAHIMA SHREE on May 11, 2012 at 9:01pm

गर्दिशों से मिटा जिसके ख्वाब महलों के रहे
  उजालों की ख्वाहिस में झोपड़ी जलाया दोस्तों

 
तडपता वो रहा जिसके लिये जिगर को थाम के
उसी ने तोड़ के वादे उसे सताया दोस्तों

बहुत बढ़िया ... संदीप जी बधाई स्वीकार करें


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