For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अंगूठा चूसते-चूसते वो इतना "बड़ा" हो गया

मै ६ दिसंबर हूँ

मै ११ सितम्बर हूँ

२६ नवम्बर हूँ

आंसुओं का

महासागर हूँ मै !

--------------------------

गोल-गोल

बूँद भरी

पूर्ण हो

निकल पड़ी

-------------------

अंगूठा चूसते-चूसते

वो इतना "बड़ा" हो गया

की माँ बाप का कद

इतना "बड़ा" हो गया

--------------------------------

पूर्णिमा की रात

आई-गई नहीं

कि  अमावस

चल पड़ा

--------------------------

कल एक "लाल" चिराग ने

रोशन कर

माँ -बाप का नाम

सूरज को

दिया दिखा दिया

----------------------------

एक अजनवी से

पलकें झपकते ही

दिल की

हर बात हो गयी

-----------------------------

आँखों का तारा

जो टूटा तो

खुद ही नहीं

उसको भी ले डूबा

-------------------------

तनहाइयों ने काट-काट

अंतस के खोंडर में

घोंसला लगा लिया

---------------------------

चींटियों ने

बोझ ले

चलना सिखा दिया

------------------------

प्रेम की चासनी में

मिठास ही मिठास

डूबता चला गया

---------------------------

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर

कुल्लू यच पी

६.५.२०१२ -५.५६-६.२० पूर्वाह्न

Views: 488

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on May 7, 2012 at 6:32pm

चींटियों ने

बोझ ले

चलना सिखा दिया

वाह श्री सुरेन्द्र जी छोटी छोटी पंक्तियों में आपने बड़ी बात कह दी है सड़के जाऊं इस खुबसूरत रचना पर हार्दिक बधाई आपको !!

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 7, 2012 at 4:26pm

प्रिय मित्रों अपना स्नेह यों ही बनाये रखें और प्रोत्साहन देते रहें ताकि कुछ सिखा पढ़ा जाए कुछ नयी विधाएं --- आभार आप सब का -भ्रमर ५ 

Comment by MAHIMA SHREE on May 7, 2012 at 12:58pm
आदरणीय भ्रमर सर ,
नमस्कार .. बहुत अच्छी लगी आपकी क्षणिकाएं..
बधाई स्वीकार करें
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 7, 2012 at 11:58am

आदरणीय  भ्रमर  जी , सादर. 

बहुत सुन्दर, प्रभावशाली ढंग से सभी क्षेत्रों को समाहित करते हुए प्रस्तुति हेतु बधाई.

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 7, 2012 at 9:15am

तनहाइयों ने काट-काट

अंतस के खोंडर में

घोंसला लगा लिया

---------------------------

चींटियों ने

बोझ ले

चलना सिखा दिया.....बहुत भाव पूर्ण क्षणिकाएं ये दो तो बहुत ही उत्तम लगी बधाई भ्रमर जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
9 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service