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जिंदगी के चंद टुकड़े
यूँही
बिखरने दिया
कभी यूँही
उड़ने दिया
संभाल कर जब कभी
रखना चाहा
समय ने ना रहने दिया
नदी सी मैं
बहती रही
कभी मचलती रही
कभी उफनती रही
तोड़ किनारा
जब भी बहना चाहा
बांधो( बन्धनों) से और भी
जकड़ा पाया
गंदे नाले हों
या शीतल धारा
जो भी मिला
अपना बना डाला
जिंदगी
कभी नदी सी
कभी टुकड़ो सी
जैसे भी पाया
बस जी डाला

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Comment by MAHIMA SHREE on April 15, 2012 at 2:28pm

आदरणीय प्रदीप सर ,

सादर प्रणाम ,

सत्य वचन सर ..जिंदगी तो इसकी का नाम है...स्नेह बनाये रखे ..साभार

Comment by MAHIMA SHREE on April 15, 2012 at 2:25pm

आदरणीय सौरभ सर ,

सादर नमस्कार

सराहना के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 14, 2012 at 10:48pm

गंदे नाले हों
या शीतल धारा
जो भी मिला
अपना बना डाला
जिंदगी
कभी नदी सी
कभी टुकड़ो सी
जैसे भी पाया
बस जी डाला

jina isi ka naam hai, snehi mahima ji, saadar. badhai.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 14, 2012 at 4:38am

भाव व काल विशेष उद्गार के लिये बधाई. 

Comment by MAHIMA SHREE on April 13, 2012 at 2:07pm
आदरणीय भ्रमर सर,
आपका बहुत -२ आभार , सकरात्मक प्रतिक्रिया के लिए ...आपका हार्दिक धन्यवाद
Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on April 13, 2012 at 2:02pm

नदी सी मैं
बहती रही
कभी मचलती रही
कभी उफनती रही
तोड़ किनारा
जब भी बहना चाहा
बांधो( बन्धनों) से और भी
जकड़ा पाया

महिमा जी खूबसूरत भाव ..काश ये बंधन टूटें ...मुक्त हो मन ..प्यारा मौसम प्यारी गलियाँ ...

जय श्री राधे 
भ्रमर ५ 


Comment by MAHIMA SHREE on April 13, 2012 at 1:55pm
आदरणीय सतीश सर .
सादर नमस्कार ,
आप ने समय दिया , सराहा आपका हार्दिक धन्यवाद , साभार
Comment by MAHIMA SHREE on April 13, 2012 at 1:54pm
आदरणीया सरिता दी
नमस्कार , हर स्त्री "सरिता ही है " ..आप तक भाव पहुचे , अच्छा लगा..लिखना सफल हुआ
सादर आभार
Comment by satish mapatpuri on April 12, 2012 at 11:38pm

नदी सी मैं
 बहती रही कभी मचलती रही
कभी उफनती रही तोड़ किनारा
जब भी बहना चाहा
बांधो( बन्धनों) से और भी
जकड़ा पाया

बहुत अच्छा महिमा जी ............ बधाई हो

Comment by Sarita Sinha on April 12, 2012 at 7:25pm

priy mahima ji, namaskar,

ye to aap ne "sarita " ki kahani suna dali...bahut khub....mujhe to baha le gayi.......

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