For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इन्तजार की अवधि

मृत्यु जब तक तुम्हे
वरण नहीं कर लेती
तब तक करो इन्तजार
रखो अटल  विश्वास

गले लगा लो
सारी  प्रवंचनाएं

मत ठुकराओ
दुनियावी बंधन
मान-अपमान की  पीड़ाएँ
भीड़ व् अकेलेपन की दुविधाएं
सभी अपना लो
सदियों की  धूल

लगा लो माथे पे
चूम लो सारे
अनुग्रह -आग्रह
बाँहे फैला कर
स्वीकार कर लो
जिसे व्यर्थ समझ
ठुकराया था अब तक
क्योंकि तभी आसां हो  पाएगी
मृत्यु के इन्तजार की  अवधि

Views: 589

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MAHIMA SHREE on April 12, 2012 at 1:55pm
धन्यवाद सरिता दी ,
अब तक आपने सिख लिया होगा .हिंदी में कमेंट्स करना
Comment by Sarita Sinha on April 12, 2012 at 12:07am

mahima ji namaskar,

vishvas , pravanchnayein, asha  dhool.....

in mote aksharon ne bata diya ki antim samay tak kya kya jhelna hai...

sundar kriti ki badhai lijiye.....(aur mujhe hindi me comment karna sikhaiye...)

Comment by MAHIMA SHREE on April 2, 2012 at 10:56am
आदरणीय अरुण जी,,
नमस्कार ...
आपको पसंद आई ..आपके सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद
Comment by MAHIMA SHREE on April 2, 2012 at 10:55am
आदरणीय अरुण जी,,
नमस्कार ...
आपको पसंद आई ..आपके सराहना और उत्साहवर्धन के लिए बहुत
बधाई...
Comment by Arun Sri on April 2, 2012 at 10:41am

यही प्रतीक्षा और त्याग प्रेम को अमरता की श्रेणी को ले जाता है ! बहुत भावपूर्ण कविता !

.

दो पंक्तियाँ याद आ रही हैं --

मिले इस बार तो कई लोग बिछड जाएँगे

इंतज़ार और करो अगले जनम तक मेरा

Comment by MAHIMA SHREE on April 2, 2012 at 10:33am
नमस्कार वाहिद जी,
आप तो गजल के महारथी हो हमे तो अभी A, B ,C D भी
नहीं आती बस अतुकांत से ही अभी काम चला रहे है....पर ABO पे बहुत कुछ सीखने और पढने का मौका मिल रहा है....पर समयाभाव के वजह से समय नहीं दे प् रही ... सराहने के लिए .आपका हार्दिक धन्यवाद..
Comment by MAHIMA SHREE on April 2, 2012 at 10:25am
नमस्कार जवाहर सर
देर से reply के लिए क्षमा चाहती हूँ ...सच कहा आपने अगर हम जीवन की सत्यता को आसानी से अपना ले तो हर तरह के भय और चिंता से अपना जीवन मुक्त रहे पर यही तो हम कर नहीं पाते....सादर आभार और आपका हार्दिक धन्यवाद
Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 1, 2012 at 1:20pm

सुन्दर दार्शनिक अभिव्यक्ति महिमा जी! आपकी महिमा अपरम्पार है| ;-))

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on March 30, 2012 at 9:56pm

क्योंकि तभी आसां हो  पाएगी
मृत्यु के इन्तजार की  अवधि

कितनी अर्थपूर्ण बातें कही है आपने! अगर मनुष्य यह समझ ले, तो फिर कोई डर नहीं, चिंता नहीं, मृत्यु से गले मिलने का जी चाहे! 

Comment by MAHIMA SHREE on March 30, 2012 at 1:43pm
आदरणीय कुमारी जी
सादर नमस्कार .
आपको रचना पसंद आई , सराहा इसके आपका हार्दिक धन्यवाद..स्नेह बनाए रखे

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
5 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
51 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
57 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service