For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दिल कितनॆ करीनॆ सॆ रखतॆ हैं,,,,,,,,

दिल कितनॆ करीनॆ सॆ रखतॆ हैं,,,

----------------------------------------------------------

 

मॆरी तस्वीर जॊ लगाकॆ सीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥

दॆखना है दिल कितनॆ करीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥१॥

 

मॊहब्बत मॆं जां लुटानॆ की बात करतॆ हैं,

मॆरॆ लहू का माप, जॊ पसीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥२॥

 

यॆ और बात है, मैं ज़िंदा हूं, अब तलक, 

नज़र वॊ मुझ पॆ कई महीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥३॥

 

आज कल फ़रिश्तॆ कहॆ जातॆ हैं वॊ लॊग

खुद कॊ दूर जॊ डूबतॆ सफ़ीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥४॥

 

ज़िंदा-दिली उनकॊ न, रास आयॆगी कभी,

कम-ज़र्फ़ तॊ रिश्तॆ कमीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥५॥

 

आतॆ हैं खातॆ-पीतॆ हैं चलॆ जातॆ हैं लॊग,

ज़मानॆ सॆ नहीं मतलब जीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥६॥

 

मंदिर मॆं पियॆं या फ़िर मस्ज़िद मॆं पियॆं,

उसकॆ आशिक़ मतलब पीनॆं सॆ रखतॆ हैं ॥७॥

 

उनकी हिफ़ाज़त  ख़ुदा करता है "राज",

ख्यालॊ-किरदार जॊ नगीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥८॥

 

 

        कवि-राज बुन्दॆली

                            १३/०३/२०१२

 

 

 

 

 

 

 

Views: 652

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on March 14, 2012 at 9:34pm

आप लोगॊं का आशीष प्राण वायु का कार्य करता है,,,,,,,,,,,धन्यवाद,,,,,,,,,,,,आभार ,,,,,,,ओ.बी.ओ. परिवार,,,,,,

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on March 14, 2012 at 5:14pm

धन्यवाद,,,,महिमा जी,,,,,,आभारी हूं आपका,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

Comment by MAHIMA SHREE on March 14, 2012 at 3:24pm
आतॆ हैं खातॆ-पीतॆ हैं चलॆ जातॆ हैं लॊग,
ज़मानॆ सॆ नहीं मतलब जीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥६
कवि जी नमस्कार
बधाई......बहुत खूब कही....लाजवाब..
Comment by कवि - राज बुन्दॆली on March 14, 2012 at 3:07pm

आप सब का स्नेह पाकर रचना अमरत्व को पाती है,,,,,,धन्यवाद,,,,,,,,,,

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on March 14, 2012 at 3:06pm

मयंक जी,,,,,,,धन्यवाद,,,,,,,,,,,,,आभार,,,,,,,,,,,

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on March 14, 2012 at 3:06pm

विन्धेश्वरी त्रिपाठी,,,,जी धन्यवाद,,,,,,,,आभार,,,,,,,,,,,

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on March 14, 2012 at 3:04pm

अरुण,,,भाई साहब,,,,,,,,,,,,तहे-दिल से शुक्रिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,आभार,,,,,,,,,,,,,,

Comment by Abhinav Arun on March 14, 2012 at 1:56pm

मजबूत भाव भूमि पर सशक्त अभिव्यक्ति !! हार्दिक बधाई कवि राज जी !!

Comment by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' on March 14, 2012 at 8:14am

आतॆ हैं खातॆ-पीतॆ हैं चलॆ जातॆ हैं लॊग,

ज़मानॆ सॆ नहीं मतलब जीनॆ सॆ रखतॆ हैं ॥...वाह राज भाई बहुत ही उम्दा शेर है और नज्म भी..शुक्रिया आपका|

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on March 14, 2012 at 7:09am
हर मिसरा जानदार बन पड़ा है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Jul 27
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service