For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

निभा पाओगे 

लाख चाहकर भी मुझे न तुम बुझाओगे

तुम अंधेरों में रहोगे जो न जलाओगे
मेरी तकदीर में लिखा था जलो सबके लिए
दर्द के किस्से किसी को न तुम सुनाओगे
अपनी खातिर हवाओं से बचाओगे मुझे
बुझ न जाऊं  कहीं अश्क न बहाओगे  
मेरे बुझने का अहसास भी डराता है तुम्हें 
आँसूं तो आएँगे कहीं तन्हा ही बहाओगे
जल जल के कुंदन सी बन गई है मुहब्बत मेरी 
ज़िन्दगी बीत गई भुलाई न गई यादें तेरी 
आज भी जलते हैं रखते हैं ताज़ा हरदम
क्या मेरी  तरह आप भी निभा पाओगे 
दीपक शर्मा कुल्लुवी
9350078399
१६/१२/११.


Views: 778

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on January 6, 2012 at 11:11am

SHUKRIYA SAINI JI

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on January 6, 2012 at 11:10am
यह मेरी खुशनसीबी है नीलम  जी की आप जैसे पारखी ने भी मुझ जैसे अज्ञानी की रचना पसंद की.......... धन्यवाद 
कुल्लुवी  
Comment by Neelam Upadhyaya on January 6, 2012 at 10:16am

दीपक जी, बहुत ही सुंदर कविता है.

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on December 31, 2011 at 12:39pm

DHANYABAD SHASHIPRAKASH JI

Comment by shashiprakash saini on December 31, 2011 at 12:33pm

बहोत बढ़िया कविता है दीपक जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 24, 2011 at 10:40am

इस आह्वान पर आपको साधुवाद .. .

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on December 22, 2011 at 9:55am

प्रभाकर साहब सब तुहाडे जए मित्र बेली मेरे प्रेरणा स्त्रोत ने...

कुल्लुवी 

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on December 21, 2011 at 8:10pm

वाह वाह वाह दीपक भरा जी, बहुत सुन्दर लिखा है, बधाई स्वीकार करें. 

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on December 21, 2011 at 10:13am

कविता जी शुक्रिया ......मेरा लिख बहुत कम लोगों को पसंद आता है

कुल्लुवी 
Comment by Kavita Verma on December 20, 2011 at 9:15pm
मेरे बुझने का अहसास भी डराता है तुम्हें 
आँसूं तो आएँगे कहीं तन्हा ही बहाओगे bahut sundar...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
15 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service