For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत -नवीन वर्ष में नवीन गीत रंग रास हो (पञ्चचामर छ्न्द)

विचार में प्रवाह हो स्वभाव में उजास हो
नवीन वर्ष  में  नवीन  गीत  रंग  रास  हो

प्रभात धूप हो खिली समीर मस्त हो बहे
अनन्त हर्ष को लिए सुवास भाव भी रहे
कपाट  बंद खोल के धरे नवीन ज्ञान को
समर्थ अर्थ में  रखे सदैव स्वाभिमान को
रहे  कहीं  न दीनता सदा  यही प्रयास हो
नवीन वर्ष में नवीन गीत रंग रास हो।।१

विकार काम क्रोध मोह लोभ क्षोभ त्याग दे
कुमार्ग  पे  चले नहीं  विनाश  का न राग दें
कहीं  दिखे  अधर्म  तो  अधर्म  देह  चीर दें
समाज  के  लिए  मरें  समाज को न पीर दें
कुपथ्य का विनाश हो सुुुपथ्य का विकास हो
नवीन  वर्ष  में  नवीन  गीत  रंग रास हो।।२

सदैव कर्म धर्म से हितार्थ  देश काम हो
मनुष्य बीच प्रेम का विशेष एक धाम हो
रहे समान  हाव-भाव आदि  और अंत में
प्रबुध्द शुध्द बोल हो समस्त दिग्दिगन्त में
समस्त राष्ट्र एक है कि भावना विकास हो
नवीन वर्ष में नवीन  गीत  रंग  रास हो।।३

अनादि सत्य ज्ञान को सदैव लेखनी लिखे
धरा प्रणम्य देश  भक्ति  भावना भरी दिखे
प्रवाह वेग  क्रोध में  विराट  रूप  जो  धरें
प्रचण्ड  तप्त  दग्ध से पहाड़ अम्बु भी डरें
अजेय  दुर्ग  तोड़  दें अपार शक्ति पास हो
नवीन वर्ष में  नवीन गीत रंग  रास हो।।४

न हौसलें  परास्त  हों डरें नहीं झुकें नहीं
अराति सामने तथापि  मंजिलें  रुकें नहीं
विचार हो विमर्श हो मशाल क्रांतिमान हो
बढ़े चलें ध्वजा लिए अखण्ड राष्ट्र-गान हो
हँसी-खुशी रहे यहाँ न  जीवता  उदास हो
नवीन वर्ष में नवीन गीत रंग रास हो ।।५

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 949

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on January 9, 2021 at 8:20pm

आद0 सौरभ पांडेय जी सादर प्रणाम

रचना पर आपकी उपस्थिति मुझे नई ऊर्जा दे रही है। आपकी बातों को गहराई से आत्मसात कर रहा हूँ। कोशिश होगी कि आगे से आधुनिकता का पुट भी रखूँ। हृदयतल से आभार आपका

Comment by नाथ सोनांचली on January 9, 2021 at 8:18pm

आद0 तेजवीर सिंह जी सादर अभिवादन। पञ्चचामर छ्न्द पर आपकी उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 8, 2021 at 4:29pm

इस छंद का विन्यास भले ही क्लिष्ट हो इसकी गति अत्यंत प्रवाहमय होती है. छांदसिक रचना-कर्म के अलावे कवि वाचिक विन्यास में इस छंद में रचनाक्र्म करते हैं जिसका अभ्यास तुलनात्मक रूप से सरल है. 

आदरणीय कुशक्षत्रप जी, आपने नववर्ष का आवाहन करते हुए एक समर्थ प्रयास किया है. यह अवश्य है कि आपने प्रस्तुति में सनातन भावों को प्रश्रय दिया है, किन्तु साथ ही आज के संदर्भ को भी विकसित करना श्रेयस्कर होता. 

बहुत खूब तथा बधाइयाँ 

शुभातिशुभ

 

Comment by TEJ VEER SINGH on January 5, 2021 at 6:35pm

हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी।बेहतरीन छंद।

Comment by नाथ सोनांचली on January 3, 2021 at 11:06pm

आद0 अमीरुद्दीन अमीर जी सादर अभिवादन

पञ्चचामर छ्न्द आधारित इस गीत पर आपकी उपस्थिति और सराहना का हृदयतल से आभार

Comment by नाथ सोनांचली on January 3, 2021 at 11:05pm

आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर जी सादर अभिवादन

पञ्चचामर छ्न्द आधारित इस गीत पर आपकी उपस्थिति और सराहना का हृदयतल से आभार

Comment by नाथ सोनांचली on January 3, 2021 at 11:04pm

आद0 दण्डपाणि नाहक जी सादर अभिवादन। पञ्चचामर छ्न्द आधारित गीत पर आपकी उपस्थिति और सराहना का हृदयतल से आभार

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on January 2, 2021 at 11:13am

जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब, सुंदर गीत की रचना की गई है, बधाई स्वीकार करें। सादर। 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 1, 2021 at 9:28pm

आ. भाई सुरेंद्रनाथ जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है । हार्दिक बधाई।

Comment by नाथ सोनांचली on December 31, 2020 at 3:23pm

आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम।

रचना पर आपकी गरिमामयी उपस्थिति और आशीर्वाद के लिए कोटि कोटि आभार। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
58 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
8 hours ago
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
16 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service