For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रंगों के घन खूब उड़ायें - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' (गजल)

२२२२/२२२२/२२२२/२२२
***
आओ नाचें,  झूमें, गायें  फिर  से अब के होली में
इक-दूजे को खूब लुभायें फिर से अब के होली में।१।
**
देख के जिसको मन ललचाये ज़न्नत के वाशिन्दों का
रंगों के  घन  खूब  उड़ायें  फिर  से  अब के होली में।२।
**
जीवन में  रंगत  हो  सब  के  संदेश  हमें देे होली 
रोते जन को यार हँसायें फिर से अब के  होली में।३।
**
आग सियासत चाहे कितनी यार लगाये नफरत की
प्रेम भाव से उसे  बुझायें  फिर  से अब के होली में।४।
**
दिल्ली  में  जो  हिंदू  मुस्लिम  घाव  लगाये  बैठे  हैं
उनके घावों को सहलायें  फिर से अब के  होली में।५।
**
सदियों पहले जली होलिका यहाँ द्वेश की ज्वाला से
उसी द्वेष को चलो जलायें फिर से अब के  होली में।६।
**
मौलिक.अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
**
# समस्त ओबीओ परिवार को पावन पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

Views: 478

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 12, 2020 at 6:55am

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन और आभार ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 12, 2020 at 6:54am

आ..भाई विजय निकोर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on March 11, 2020 at 2:58pm

//

जीवन में रंगत हो सब के संदेश हमें दे होली//

ये मिसरा ठीक है ।

Comment by vijay nikore on March 11, 2020 at 12:54pm

अच्छी गज़ल कही है। हार्दिक बधाई, मित्र लक्ष्मण जी।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 11, 2020 at 12:46pm

आ. भाई समर कबीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए आभार । 

इंगित मिसरे को यूँ किया है देखियेगा

'जीवन में रंगत हो सब के संदेश हमें दे होली '

Comment by Samar kabeer on March 11, 2020 at 7:41am

जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब,होली के संदर्भ में ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।

'जीवन में रंगत हो सब के संदेश यही है होली का'

इस मिसरे की बह्र चेक कर लें ।

आपको भी रंगोत्सव की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 10, 2020 at 4:51pm

आ. भाई रवि जी, उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद । साथ ही पावन पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाए

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on March 10, 2020 at 12:22pm

आदरणीय लक्ष्मण भाई, आप को इस रचना पर हार्दिक बधाई और होली की ढेरों शुभकामनाएँ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"अच्छी ग़ज़ल हुई है ऋचा जी। सभी शेर अच्छे लगे। गिरह भी ख़ूब हुई। //मतले पर जनाब रवि जी का कहना सही…"
12 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"जनाब ज़ैफ़ जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें । 'वो एक पल ही में…"
17 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आभार आदरणीय रवि जी।"
19 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय रवि जी अभिवादन ग़ज़ल तक आने और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत शुक्रिया आपका। जी मतले में "जो…"
22 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"जनाब नाहक़ जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।"
27 minutes ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीया रचना जी तरही मिसरे पर बहुत अच्छे अशआर कहे है आपने 5 वे शेर का अंदाज़ ख़ास पसंद आया ।…"
27 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"जनाब मुनीश तन्हा जी आदाब, मुशाइर: में सहभागिता के लिए धन्यवाद ।"
30 minutes ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीया ऋचा जी उम्दा हुए है अशआर  तरही मिसरे पर कही गई ग़ज़ल पर मुबारक बाद कुबूल करें मतले में…"
31 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय Zaif जी नमस्कार बहुत ख़ूब हुई आपकी ग़ज़ल बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब है सादर"
32 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, मुशाइर: में सहभागिता के लिए धन्यवाद ।"
33 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय नाहक जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये  अमित जी की बात क़ाबिले ग़ौर…"
34 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय मुनीश जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये  अमित जी की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर लगी…"
36 minutes ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service