For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दीवारों में दरारें-2 सोमेश कुमार

साल पहले विद्यालय दफ्तर में

“सर, मैं अंदर आ सकती हूँ ?”

“बिल्कुल !” मि.सुरेश एक बार उस नवयुवती को ऊपर से नीचे तक देखते हैं और फिर उसकी तरफ प्रश्नसूचक निगाह से देखते हैं |

“सर ,मुझे इस स्कूल में नियुक्ति मिली है |” वो बोली

“बहुत बढ़िया !बैठो अभी प्रधानाचार्य आते हैं तो आपको ज्वाइन करवाते हैं |” प्रफुल्लतापूर्वक मि.सुरेश बोले

“वैसे कब और कहाँ से की है बी.एड.?” उन्होंने अगला सवाल किया

“इसी साल,कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से - -“उसने बड़ी सौम्यता से जवाब दिया

“अभी तो कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया होगा ?”

“जी सर |”

“क्या नाम है तुम्हारा ?”

“मीना गौतम |”

“वो Sअ  एस.सी. कोटे से हो !” कुछ-कुछ नाक उचकाते हुए बोलते हैं |

तभी प्रिंसिपल महोदय का प्रवेश होता है |

“लीजिए सर ,आपकी एक अध्यापक की कमी तो पूरी हुई |विभाग ने इन्हें भेजा है |”

“चुप्प करो ||इस लड़की को सफाईकर्मी के तौर पे भेजा गया है |कम से कम नियुक्ति पत्र तो देख लेते ”प्राचार्य श्री मदन श्रीवास्तव ने बिगड़ते हुए कहा |

“मुझे क्या मालूम !इसे बताना था ना - - -“झल्लाते हुए वो उस लड़की की तरफ देखते हैं और जाने के लिए उठते हैं |

“अब कहाँ चले ?चलो इसकी ज्वाईनिंग लिखो |”प्राचार्य ने आदेशात्मक भाषा में बोला

“ला,मीना अपना नियुक्ति आदेश दे |”मि.सुरेश बोले |

“ठीक है मीना,अब तुम आशा से मिल लो और अपना काम समझ लो |वो बाहर डेस्क पर बैठी है|और एक बात| गलत मत मानना पर|ये स्टाफरूम अध्यापकों के लिए है |” श्रीवास्तव जी ने नारजगी से कहा |

“आप जैसे लोगों की वजह से ये सिर चढ़ रहे हैं |इतनी हिम्मत की कुर्सी पर बैठ गई |”मि.सुरेश ने उस कुर्सी को टेबल से दूर करते हुए कहा |

कुछ देर बाद

“सुरेश जी,ये गैलरी में खड़ी नई सुन्दरी कौन है ?”सुरेश के क्लासरूम में घुसते हुए डबराल ने पूछा |

“हर जगह जीभ मत लपलपाया करो ,मिस्टर हिमेश रेशमिया ,वो भंगिन है,स्कूल की नई स्वीपर |”

“हाय!भगवान भी क्या नाइंसाफी करता है !ऐसी हूर और- - - !मेरी बीबी भी तो इसके आगे कुछ भी नहीं है |”

“जो भी हो इस लड़की से दूर ही रहना - --   |वैसे भी आजकल कानून भी इन्ही लोगों के पक्ष में है |”

“सुरेश सर,आपको प्रिंसिपल साहब ने बुलाया है |” आशा ने आकर व्यवधान डाला |

“सुरेश जी,विभाग से बड़े साहब का फ़ोन आया था |कह रहे थे कि मीना उनकी साली की लड़की है और विभाग अनुबंध अध्यापकों की सूची तैयार कर रहा है उसमें उसका भी नाम है|तब तक एडजस्ट करना है |”प्रिंसिपल ने मुँह लटकाते हुए कहा |

“अब साहब से पंगा तो ले नहीं सकते |तब तक इन्हें बिना पेपर के अपग्रेड कर देते हैं |सफ़ाई ना करवाकर उन्हें क्लास दे देते हैं |वैसे भी हाथी के पाँव में अपना पाँव ” मि.सुरेश ने सरल समाधान दिया

“खबर बाहर चली गई तो ?समझते हो ना ! लिखित में तो हमारे पास कुछ नहीं है |”

“ऑर्डर में स्वीपर की जगह पेपर पेस्ट करके टीचर लिख दो और फोटोस्टेट ले लो |जब पक्के आर्डर आ जाएँगे तो पेपर बदल देंगे |सैलरी बिल तो मुझे ही बनाना है |आप बेफिक्र रहें| ” मि.सुरेश ने धूर्ततापूर्वक मुस्काराते हुए कहा |

“बस इसीलिए मैं आपको गुरु मानता हूँ |अब उस लड़की को मना लाएँ |”

“आप बेफिक्र रहें,सर|”कहते हुए मि.सुरेश बाहर निकलते हैं

“बेटी मीना,अंदर चल - - -पहले क्यों नहीं बताया कि साहब तेरे - - - -“

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 1065

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by somesh kumar on March 14, 2015 at 8:27am

NIidhi Plus ji ,आपकी सक्रिय और बेबाक राय और सुझावों का हृदय से  आभार ,पर  इस संसमरणात्मक कहानी सको  आप लघुकथा की तरह ना मूल्यांकित करें |संसमरण जीवन-घटनाओं से प्रेरित कथा-कार्य है और जिसमें  जीवन की तरह बहुत से तत्व एक साथ शामिल होते हैं और इसलिए इस तरह की कहानी लघुकथा की कसौटी पर खरी नहीं उतर सकती |बाकि कहानी को कसने के लिए अगर कोई सुझाव है तो स्वागत है| 

Comment by somesh kumar on March 14, 2015 at 8:19am

Shyam Narain Verma ji krishna mishra 'jaan'gorkhpuri ji and maharshi tripathi ji ,thannx for your continus support and approval 

Comment by maharshi tripathi on March 13, 2015 at 9:29pm

बहुत सुन्दर आ. somesh kumar जी ,,आप एक अच्छे लेखक हैं ,,,,प्रयासरत रहे |

Comment by Hari Prakash Dubey on March 13, 2015 at 5:34pm

सोमेश भाई ,बढ़िया कहानी है , आ. निधि जी की बातों पर भी ध्यान देने की जरूरत है , कहानी लेखन आपका निखर रहा है , बधाई आपको ! सादर 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 13, 2015 at 4:29pm

भाई! सोमेश उम्दा लेखन पर बधाई!!फ्लैशबैक में आपकी इस कथा को प्रस्तुत करना! कथा को रुचिकर तो  बनाये ही रखता है और आजकल के ट्रेंड को भी! आप एक सजग लेखक है!शुभकामनाए!!

Comment by Nidhi Agrawal on March 13, 2015 at 3:21pm

सुपर्ब ..क्या बात है .. सर लेकिन कहानियों में और कसाव की जरुरत है .. फ्लो में नहीं जाती .. बहुत सारी बातें एक साथ घुसेड़ने के चक्कर में सही मेसेज गुम हो रहा है - भ्रष्टाचार, छोटी जाती के प्रति व्यवहार, चापलूसी, इंटर पर्सनल रिलेशन और स्त्रिलोलुप प्रवृत्ति को एक साथ लाने में लघु कथाएं कम पड़ती हैं.. एक लघुकथा में एक या दो ही खास बातों पर ध्यान दें तो कसाव आएगा 

Comment by Shyam Narain Verma on March 13, 2015 at 12:14pm
बहुत उम्दा , बधाई इस लघुकथा के लिए ..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Jul 27
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service