For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्षणिकाएं — डॉ0 विजय शंकर

वाह जनतंत्र ,
कुर्सी स्वतंत्र ,
आदमी परतंत्र।
कल कुर्सी पर था
तो स्वतंत्र था ,
आज हट गया ,
परतंत्र हो गया।........... 1.

किसी को भी कहीं भी
यूं ही बुरा बोल देते हो।
सच , किसी बुरे को भी
कभी बुरा बोल लेते हो।...........2.

कुछ कर न कर
दूसरे के काम में
दखल जरूर कर।
अच्छा बोल , बुरा
बोल , कैसा भी बोल,
शहद में लपेट कर बोल l.......... 3.

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 696

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 10, 2020 at 8:28am


आभार एवं धन्यवाद , आदरणीय नरेन्द्रसिंह चौहान जी , सादर।

Comment by narendrasinh chauhan on November 9, 2020 at 12:12pm

khub sundar rachna 

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 5, 2020 at 7:51am


आदरणीय ब्रजेश कुमार जी , आभार एवं धन्यवाद , सादर।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 3, 2020 at 8:21pm

सटीक और सार्थक रचना के लिये बधाई आदरणीय।

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 2, 2020 at 3:55am

आदरणीय लक्षमण धामी जी , आपका आभार एवं बहुत बहुत धन्यवाद , सादर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 31, 2020 at 6:58pm

आ. भाई विजय जी, सादर अभिवादन । अच्छी रजना हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 31, 2020 at 9:47am

आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार , आपका बहुत बहुत शुक्रिया , मैं सकुशल हूँ और आशा है , आप भी स्वस्थ और प्रसन्न होंगे। रचना पर आपकी उपस्थित और सम्मान के लिए ह्रदय से आभार। इधर लेखन कुछ हो नहीं पा रहा है। कुछ व्यस्तता बढ़ गई है। बधाई के लिए धन्यवाद , सादर।

Comment by Samar kabeer on October 30, 2020 at 2:45pm

जनाब डॉ. विजय शंकर जी आदाब, काफ़ी समय बाद आपकी रचना पढ़ रहा हूँ, आप ख़ैरियत से हैं?

बहुत अच्छी रचना हुई है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
15 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service