For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाबू राम नाथ पचहत्तर पार कर चुके हैं। शरीर अब जवाब देने लगा है। अभी कई दिन पहले जरा डाॅक्टर से चैक-अप कराने गये थे कि देर तक धूप में खड़ा रहना पड़ा । घर लौटते तेज़ बुखार हो गया। बेटा संयोग से इस वीक एन्ड पर सपत्नीक चला आया। दोनों बहनें जो अपने बच्चों के गर्मियो की छुट्टियों में आयी हुईं थी।सो डाॅक्टर को घर बुला लाया।

"हीट स्ट्रोक हुआ है', ङाॅक्टर बोला था। दवा दे गया था। अब आराम था। लेकिन कमजोरी बहुत थी। लू मानो सारा खून चूस गई थी। बाथरूम भी मुश्किल से जा पाते थे।


अभी कल रात एकाएक बिजली कई घंटे बाद आयी, साथ ही बहुत तेज़ कई बल्व जले अौर इन्वर्टर के बैंटरो में जोर का धमाका हुआ। चारों तरफ घर में बैंटरो के टुकड़े, धुआँ, सल्फर डाई आक्साइड गैस की बदबू फैल गयी। सभी जान बचाकर बाहर गली में भागे। धर्म-पत्नि पार्वती भी अपनी जान बचाते भुल गयी कि बाबू रामनाथ तो बिस्तर से भी नहीं उठ पाये होंगे। बेटियों ने अपनी जान बचाई, अपने छोटे बच्चों को बाहर घसीटा, होशो-हवास सम्भाले। आशवस्त हुई़ तो इधर उधर देखा। पड़ौसी क्या हुआ क्या हुआ शोर करते चले आ रहे थे।

"अरे तुम्हारे बाबू जी" पार्वती बोली | पड़ौस का एक लड़का टार्च लेकर अन्दर दौड़ा। इस बीच पनद्र मिनट बीत चुके थे। बाबू रामनाथ ने कोशिश तो बहुत की थी, लेकिन अँधेरे मे सिर दीवार से जा टकराया और कमजोरी तो थी, बेहोश हो गए थे। नीम बेहोशी में दम घुटने से चल बसे।

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 748

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on July 3, 2018 at 2:31pm

मेरे कहे को मान देने के लिए धन्यवाद ।

Comment by Chetan Prakash on July 3, 2018 at 12:37pm

जी, मान्यवर, शत-प्रतिशत ऐसा ही होगा ।

Comment by Samar kabeer on July 3, 2018 at 11:35am

Respected mr chetan prakash, I request you to please give your answers in hindi , this is the rule of this forum .

Comment by Chetan Prakash on July 3, 2018 at 10:33am

 Gumnaam Sahab, dhanyavaad , aapne rachna ka yathaarth pahchana !

Comment by Chetan Prakash on July 3, 2018 at 10:31am

 Sushil Sarna Ji, Laghu katha aapko acchi lagi, iske liye shukriya !

Comment by Chetan Prakash on July 3, 2018 at 10:28am

 Sameer Kabeer Sahab, baut-bhut sukriy, aaapka! 'Open books on line, mein yah meri ghar wapsi hai, wo bhi kai varshon baad. Aapka sujhavsae aankhon par, janab!

Comment by Chetan Prakash on July 3, 2018 at 10:22am

Grateful to you, dear Brijesh Kumar 'Braj' for an appreciation of my very short story, " Haadsa", called, " Laghu Katha" in Hindi !

Comment by Chetan Prakash on July 3, 2018 at 9:55am

 Thank you, very much, Neelam Upadhyaya,  for your discerning comment!

Comment by Neelam Upadhyaya on July 2, 2018 at 4:03pm

आदरणीय चेतन प्रकाश  जी, बढ़िया प्रस्तुति के लिए बधाई  स्वीकार करें ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 2, 2018 at 12:44pm

वाह आदरणीय बहुत ही खूब लघु कथा लिखी है...अपने बुजुर्गों के प्रति बढ़ती असंवेदनशीलता का बखूबी वर्णन किया है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted discussions
14 minutes ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
30 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service