For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“ बेटा!! आ गया तू.. कहाँ-कहाँ हो आया भारत भ्रमण में..?

“ माँ!! चारो दिशाओं में गया था. देखो! गंगाजी का जल भी लाया हूँ.  आप कहो तो, पिताजी लाये थे वो कलश आधा खाली है उसमे ही डाल दूँ..”

“ नहीं!!  बेटा.. रोज समाचारों में सुनती हूँ कि गंगा में स्वच्छता अभियान चल रहा है, वर्षों पहले तेरे पिता जो लाये वो तू बचा के रखना. कम से कम आगे आने वाली पीढ़ी,  पवित्र गंगाजल तो देख लेगी..”

  

    जितेन्द्र पस्टारिया

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 836

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 23, 2015 at 9:00pm

उद्गम से ऋषिकेश तक सच में गंगा जी बहुत स्वच्छ  है उसके बाद महानगरों के नजदीक होना प्रदूषित करता है. लघुकथा पर आपकी उपस्थिति व् सुझाव हेतु आपका आभारी हूँ,

सादर!

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on April 23, 2015 at 1:32pm

जीतू भाई

कथानक बेह्तरीन  है . सन्देश भी अच्छा है . गंगाजल लाने के लिए भारत भ्रमण  अत्युक्तिपूर्ण  लगता है और रिशीक्वेश तक  अभी भी गंगा का जल पवित्र है . सादर .

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 23, 2015 at 8:52am

आपकी स्नेहिल उपस्थिति से सदा मनोबल मिलता है, आदरणीय मिथिलेश जी

सादर!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 22, 2015 at 10:44pm

आदरणीय जितेन्द्र जी एक और बेहतरीन लघुकथा के लिए बधाई 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 22, 2015 at 9:19pm

रचना के अनुमोदन और स्वीकारोक्ति हेतु आपका हार्दिक आभारी हूँ,आदरणीय गिरिराज जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 22, 2015 at 9:17pm

आपके स्नेह हेतु आपका आभारी हूँ, आदरणीय जवाहर जी

सादर!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 22, 2015 at 6:58pm

आदरणीय जितेन्द्र भाई , माता जी की बात भी सही है और आपकी कथा भी ॥ हार्दिक बधाइयाँ आपको ।

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 22, 2015 at 12:31pm

बहुत ही वाजिब! लहुकथा में आपका कोई जवाब नहीं 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 22, 2015 at 10:33am

आदरणीया तनूजा जी. रचना को  प्रोत्साहित करती सराहना हेतु आपका आभारी हूँ

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 22, 2015 at 10:31am

आप बिलकुल सही कह रहें है आदरणीय मोहन जी. लघुकथा पर आपकी उपस्थिति हेतु आपका हार्दिक आभार

सादर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service