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मेरा कुत्ता मुझपर ही भौंकता है...

मेरा कुत्ता मुझपर ही भौंकता है

मेरे हर आहट पर चौंकता है

कटकटाता है, गुर्गुराता है

जबड़े को भींच, लाल आँखें दिखाता है

उसके सफ़ेद नुकीले दांतों में मैं अपने 

मांस का टुकड़े देखता हूँ

अपनी अंतड़ियों को काट-काट

उसकी ओर फेंकता हूँ

मेरे आस्तित्व को मिटाने के लिए

अपनी सारी उर्जा झोंकता है

मेरा कुत्ता ही अब मेरा मालिक है

मुझ पर भौंकता है

 

लेकिन जब अहम की भूख

सांझ होते ही उसके अंतड़ियों में झुलसती है

मेरे आस्तित्व में रोटी की गंध पा

उसे मेरी परछाईं भी भली लगती है

मेरे पैरों पर पसर जाता है

कातर आँखों में अपनी दीनता दिखलाता है

मैं फिर एक रोटी के टुकड़े को

उसकी ओर फेंकता हूँ

दिनभर उसके दीये हुए

जख्मों को सहेजता हूँ

चलो, सुबह का भुला सांझ को घर आ गया

मेरे मालिकपन को नया बल आ गया

लेकिन सुबह के साथ ही

मेरे मालिकपन का अवसान हुआ

कल जिसने दूम हिलाई थी

आज फिर से

मेरे मौत का फरमान हुआ

अब तो मेरे हर सांस पर वो चौंकता है

मुझे मिटाने के लिए सस्वर भौंकता है 

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Comment

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Comment by dilbag virk on December 1, 2011 at 3:39pm
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा मंच-715:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
Comment by आशीष यादव on December 1, 2011 at 2:56pm

yah ek kawita hi nahi rupak bhi hai| aaj ki sthiti aisi ban chuki hai| agar raajneeti ki baat le to netaao ko kutta kah sakte hai jo bhojan (vote) pane ke baad malik ko katne lgte hai|

bahut bahut badhai is sundar rachna hetu.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 30, 2011 at 12:24pm

इस मजाकिया किन्तु सशक्त अभिव्यक्ति पर बधाइयाँ. 

 

Comment by Neelam Upadhyaya on November 30, 2011 at 11:08am

Bahut badhiya...........incidently, mere pet kutte ne bhi mujhe kaat liya tha..........

Comment by A.R.SUMOD on November 30, 2011 at 10:52am

veryyyyyyy nice sir

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