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​जहाँ के गम तुम्हें देगी किसी भी रोज ये चुप्पी 

तुम्हारी जान ले लेगी किसी भी रोज ये चुप्पी

चलो माना ये चुप रहने से हल होंगे कई मुददे
कि सारे राज खोलेगी किसी भी रोज ये चुप्पी

जो रखते हैं लगा के होंठ पे ताले रिवाजों के 
जुबां से उनके बोलेगी किसी भी रोज ये चुप्पी

तमस की आँधियों ने बाग को बर्बाद कर डाला 
नयन अपने भिंगोयेगी किसी भी रोज ये चुप्पी

गरीबों का लहू पानी समझ ज़ालिम बहाते हो 
लहू की होली खेलेगी किसी भी रोज ये चुप्पी

यूँ ही खामोश रहने की अगर पड़ जाये जो आदत 
हमारा खून पी लेगी किसी भी रोज ये चुप्पी 

(मौलिक एवं अप्रकाशित) 
©बृजेश कुमार 'ब्रज'

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Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 30, 2016 at 8:32pm

आदरणीय  गिरिराज भंडारी जी आपकी सार्थक समीक्षा के लिए आपका ह्रदय से आभार....नमन करता हूँ

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 30, 2016 at 8:29pm

आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार आदरणीय Dr Ashutosh Mishra जी

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 30, 2016 at 8:02pm

आपका हार्दिक अभिनंदन एवं आभार आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी....रदीफैन दोष था उसे सही किया है

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 30, 2016 at 7:59pm

आदरणीय  Harash Mahajan जी रचना पटल पे आपके अमूल्य समय एवं
विस्तरत समीक्षा के लिए ह्रदय से अभारी हूँ....सुधार किया है


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 27, 2016 at 2:32pm

आदरणीय बृजेश भाई , अच्छी गज़ल हुई है , बहुत कठिन रदीफ को खूबसूरती से निभा गये आप । हार्दिक बधाई आपको ।

जुबां से उनके बोलेगी     या -   जुबां से उनकी बोलेगी

Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 26, 2016 at 7:30pm
आदरणीय ब्रिज जी होंठो के खामोशी टूटते ही जो हंगामा खड़ा हो सकता उसका सूंदर चित्रण किया आपने इस रचना माध्यम से मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर बधाई के साथ

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on June 26, 2016 at 7:02pm
तक़ाबुले रदीफ़ नज़र नहीं आ रहा है, बृजेशजी क्या आपने संशोधित किया है।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on June 26, 2016 at 7:00pm
बहुत बढ़िया बृजेश जी अच्छी ग़ज़ल है, बधाई
Comment by Harash Mahajan on June 26, 2016 at 2:00pm

आ० बृजेश कुमार 'ब्रज'  जी बहुत खूबसूरत इन्तखाब  हुआ  हैI चौथे और आखिरी शेअर में तक़ाबुल-ए-रदीफैन का दोष आ गया है, उसे देख लें I इस प्रस्तुति हेतु मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकार करें |

सादर !!

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