For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुकरियाँ- 'वोट' (मताधिकार) प्रक्रिया पर प्रकाश

मुख भोला है भली पोशाक |

मैं भी तत्पर हुई बेबाक |                          बेबाक= निर्भीक|

किसे पता की मन में खोट|

कह सखि साजन ? ना सखि वोट |

 

कमरे में घुसते ही जाँचै |

उलटि पलटि वह ठहि के बाँचै |                  ठहि= स्थिर, इत्मीनान; बाँचै= निरखना, पढ़ना |

आँखों से मारै जस चोट |

कह सखि साजन ? ना सखि वोट |

 

ना छोड़ै जब अवसर आवे |

अंगुली पकड़त दाग लगावे |

ना पहचानै बड़ा न छोट |

कह सखि साजन ? ना सखि वोट |

 

यही दाग जो देखै दुनिया |

लगा न अहमक, लगै त गुनिया |                अहमक= मंदबुद्धि; गुनिय= अक्लमंद (गुणवान) | 

न छूटै देख्यो रगड़ निकोट |

कह सखि साजन ? ना सखि वोट |

 

एक दूजे से नजर बचावै |

चिन्ह देख कइ बटन दबावै |

उहँईं दबावै जहँ पै ओट |                           ओट= आड़ (पर्दे इत्यादि का ओट)     |

कह सखि साजन ? ना सखि वोट |

.

शरद सिंह “विनोद”

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 845

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 3, 2015 at 7:03pm

आदारणीय शरद भाई , बढिया कहमुकरियाँ रची है आपने , बधाई ।

Comment by SHARAD SINGH "VINOD" on January 2, 2015 at 3:23pm

आदरणीय खुर्शीद जी धन्यवाद.... आपके विश्लेषणात्मक अध्ययन के लिए कोटिशः धन्यवाद!!

Comment by SHARAD SINGH "VINOD" on January 2, 2015 at 3:18pm

आदरणीय श्री विजय शंकर जी सादर आभार.. धन्यवाद!

Comment by SHARAD SINGH "VINOD" on January 2, 2015 at 3:16pm

आदरणीय सोमेश जी! -- मुकरियाँ= चटनी... चटनी अच्छी लगती ही है......... धन्यवाद!!!

Comment by SHARAD SINGH "VINOD" on January 2, 2015 at 3:12pm

धन्यवाद आदरणीय रमेश जी

Comment by SHARAD SINGH "VINOD" on January 2, 2015 at 3:11pm

आदरणीय श्री मिथिलेश भाई आप जैसे श्रेष्र्ठ, अग्रजों के प्रेरणा व सहानुभूति ही रचना मे परिणत हुई है...... धन्यवाद //सादर

Comment by SHARAD SINGH "VINOD" on January 2, 2015 at 3:05pm

आदरणीय श्री हरि प्रकश जी शुभकामनायें सहर्ष स्वीकार... सहृदय धन्यवाद्ड!!

Comment by khursheed khairadi on January 2, 2015 at 1:41pm

कमरे में घुसते ही जाँचै |

उलटि पलटि वह ठहि के बाँचै |                 

आँखों से मारै जस चोट |

कह सखि साजन ? ना सखि वोट |

आदरणीय शरद सिंह जी अच्छी रचना है | खुसरो की याद दिलादी आपने |सादर अभिनन्दन 

 

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 1, 2015 at 10:53pm
सुन्दर प्रयास , बधाई आदरणीय विनोद जी, सादर।
Comment by somesh kumar on January 1, 2015 at 8:31pm

mukuriyan acchi lgi 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service