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आज जो भी है वतन, आज़ादी की सौगात है।

क्या दिया हमने इसे, ये सोचने की बात है।

कितने शहीदों की शहादत बोलता इतिहास है।

कितने वीरों की वरासत तौलता इतिहास है।

देश की खातिर जाँबाज़ों ने किये फैसले,

सुन के दिल दहलता है, वो खौलता इतिहास है।

देश है सर्वोपरि, न कोई जात पाँत है।

आज जो भी है वतन, आज़ादी की सौगात है।

आज़ादी से पाई है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता।

सर उठा के जीने की, कुछ करने की प्रतिबद्धता।

सामर्थ्य कर गुज़रने का, हौसला मर मिटने का,

काम आएँ देश के, कुछ करने की कटिबद्धता।

सर झुके न देश का, बस एक ही ज़ज़्बात है।

आज जो भी है वतन, आज़ादी की सौगात है।

सोएँगे बेफि‍क्र हो, लुटेंगे यह सच्चाई है।

एक जुट होना ही होगा, देश पे बन आई है।

आतंक, भ्रष्टाचार ने, अम्नो वफ़ा पे घात कर

दी चुनौती है हमें, फ़ज़ा भी अब शरमाई है।

पत्थर जवाब ईंट का, घात का प्रतिघात है।

आज जो भी है वतन, आज़ादी की सौगात है।

महँगाई, घूस, वोट की राजनीति, अत्यचार है।

कानून का मखौल भी अब, होता बार बार है।

जनतंत्र में जनता ही त्रस्त, खौफ़ में जीती रहे,

रक्षक बने भक्षक, तो कैसा, कौनसा उपचार है।

ख़ुशहाल हो, हर हाल में, वतन तो कोई बात है।

आज जो भी है वतन, आज़ादी की सौगात है।

करें नमन शहीदों, हुतात्माओं और वीरों को।

बापू, जवाहर, लोहपुरुष और सैंकड़ों वज़ीरों को।

बनाना है सिरमौर, फहराना है परचम विश्व में,

अक्षुण्ण अपनी सभ्यता, संस्कृति की नज़ीरों को

गिद्ध दृष्टि डाले, ना किसी की भी औक़ात है।

आज जो भी है वतन, आज़ादी की सौग़ात है।

*मौलिक एवं अप्रकाशित*

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Comment

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Comment by Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' on September 3, 2014 at 8:59am

प्रणाम । सभी का आभार । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 25, 2014 at 8:33pm

आदरणीय गोपाल भी , देश भक्ति के  ज़ज्बे से ओत प्रोत आपकी रचना के लिए बधाई |

Comment by MAHIMA SHREE on August 25, 2014 at 5:45pm

करें नमन शहीदों, हुतात्माओं और वीरों को।

बापू, जवाहर, लोहपुरुष और सैंकड़ों वज़ीरों को।

बनाना है सिरमौर, फहराना है परचम विश्व में,

अक्षुण्ण अपनी सभ्यता, संस्कृति की नज़ीरों को

गिद्ध दृष्टि डाले, ना किसी की भी औक़ात है।

आज जो भी है वतन, आज़ादी की सौग़ात है।..बहुत खूब .हार्दिक बधाई आपको 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 25, 2014 at 3:27pm

कविता का कथ्य आकर्षित करता है, आदरणीय

शुभेच्छाएँ.

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 24, 2014 at 8:41pm

आजादी के महीने की सुन्दर रचना!

Comment by savitamishra on August 23, 2014 at 6:29pm

सुंदर....बहुत सुन्दर

Comment by Shyam Narain Verma on August 23, 2014 at 4:09pm
" अच्छी प्रस्तुति आदरणीय ,बधाई ................. "

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