For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आओ प्रिये ! आओं
फिर रात ढली
फिर चाँद पुकारे
ज्यों रोशनी को
चिराग तरसे
त्यों तुम्हारी याद में
नैन बरसे।।

आओ प्रिये ! आओ
दिल की हर धड़कन
तुम्हें पुकारे ।।

तुम्हारी छुअन से मिलती
नई चेतना मुझको ।
नेह में डूबी हुई
नई प्रेरणा मुझको ।

वही चिर-परिचित सम्बल,
वही तुम्हारा अहसास,
और सम्वेदना
आज भी
दिल में महफूज है
आओ प्रिये ! आओ
मेरी सम्वेदना
तुम्है पुकारे ।।

शब्द सुगन्ध औ’ स्पर्श की
कल्पना में नहाई रोशनाई
और रात के धुंधलके में
चाँदनी की भाँति
प्रिये ! मुझे तुम्हारी जरूरत है

आओ प्रिये ! आओ
श्वासों का नेह-बन्धन
तुम्हें पुकारे ।।
आओ प्रिये! आओ.......।।
*********************
तरुण कु. सोनी तन्वीर

ईमेल - tarunksoni.tanveer@gmail.com

Views: 398

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 3, 2013 at 10:51am
आदरणीय..तरुण जी, बहुत ही सुंदर रचना, पंक्तियों में प्रेम की अनुभूति " तुम्हारी छुअन से मिलती नई चेतना मुझको, नेह में डूबी हुई नई प्रेरणा मुझको.....मेरी संवेदना तुम्हे पुकारे " तरुण जी.. बहुत खूब बहुत सुंदर
Comment by TARUN KUMAR SONI "TANVEER" on June 3, 2013 at 10:14am
thank you very much sir ji

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 1, 2013 at 11:29pm

इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद, भाई.. .

Comment by TARUN KUMAR SONI "TANVEER" on May 29, 2013 at 5:54pm

थैंक्स प्रियंका जी 

Comment by Priyanka singh on May 29, 2013 at 12:31am

सुन्दर रचना ....बधाई सर 

Comment by TARUN KUMAR SONI "TANVEER" on May 28, 2013 at 11:42pm

शुक्रिया अभिनव जी और कुन्ती जी, अपना आशीर्वाद बनाये रखे. 

Comment by coontee mukerji on May 28, 2013 at 2:18pm

बहुत सुंदर रूमानी कविता ..रेगिस्तान में ठंडी छाँव की तरह.

सादर

कुंती.

Comment by Abhinav Arun on May 27, 2013 at 8:53pm

श्री तरुण जी अच्छी रचना . भावों में ताजगी और अदायगी बेहतर ...

वही चिर-परिचित सम्बल,
वही तुम्हारा अहसास,
और सम्वेदना
आज भी
दिल में महफूज है
आओ प्रिये ! आओ
मेरी सम्वेदना
तुम्है पुकारे ।।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
19 minutes ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
19 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service