For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जाने कब क्या हो जाये

इस ज़िंदगी के किस पल में

जाने कब क्या हो जाये |

मिल कर सारे जहाँ की ख़ुशी,

ज़िंदगी ही खो जाये |

 

खुशियों के दर्पण के पीछे,

हम दीवाने हो जाते हैं |

दीवानगी में ये ना सोचे,

अक्स ही हमें सुहाते हैं |

सुख के हर इक अक्षर को, दुःख जाने कब धो जाये |

 

सुख तो इक आज़ाद पंछी,

पिंजरे में न रह पायेगा |

दिल का सूना पिंजरा भरने,

दुःख ही फिर से आ जाएगा |

जाने कब गम का आंसू, दामन को भिगो जाये |

 

गुल नहीं सब बहार में,

कुछ कांटे भी खिलते हैं |

हर सुख के दिवास्वप्न में,

दुःख के बादल भी मिलते हैं |

कौन जाने कब ये सुख, अपने सपनों में सो जाये |

Views: 415

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on November 26, 2012 at 10:07pm

राजेश कुमारी जी, आपको बहुत धन्यवाद| सुख और दुःख दोनों ही जीवन के पहलू हैं, सुख बहुत छोटा और दुःख बहुत बड़ा लगता है| 

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on November 26, 2012 at 10:05pm

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी, आपका बहुत बहुत शुक्रिया, आपके विचार उत्तम हैं| "दुःख सहते सुख आ जायेगा " यही तो जीवन का सच है |

सादर 

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on November 26, 2012 at 10:03pm

डा. प्राची जी, पहले तो आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आपकी सलाह के अनुसार इसे बदल दिया है| 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 26, 2012 at 8:40pm

जीवन के दोनों पहलुओं पर द्रष्टिपात करते भाव बढ़िया प्रस्तुति बधाई आपको 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 26, 2012 at 2:00pm
सुन्दर अभिव्यक्ति है ।बधाई । इसबारे में मेरे विचार -
दुःख ही सुख का साधन है 
दुःख सहते सुख आ जायेगा 
सुख तो केवल मर्ग तृष्णा,
जो मिले उससे अधिक लालसा 
सुख मरीचिका सा सरकता जायेगा 
इसीलिए यह सपनो में सो जाता ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 26, 2012 at 11:10am

बहुत सुन्दर वैचारिकता को  शब्द मिले हैं इस अभिव्यक्ति ..जाने कब क्या हो जाए में, इस हेतु हार्दिक बधाई आ. चंद्रेश कुमार जी 

खुशी तो इक आज़ाद पंछी,.............यहाँ खुशी को सुख करके देखिये 

पिंजरे में न रह पायेगा |

दिल का सूना पिंजरा भरने,

दुःख ही फिर से आ जाएगा |

सादर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
8 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service