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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s Blog – December 2017 Archive (1)

हार का अहसास उसको खा गया- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

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जीतने की जिस किसी ने ठान ली
मंजिलों की राह खुद पहचान ली ।1।


हार का अहसास उसको खा गया
पूछ मत अब ये कि क्यों कर जान ली।2।


है वचन शीशा न कोई टूटेगा
पत्थरों की बात चाहे मान ली ।3।


कोयलों ने होंठ अपने सी लिये
झुंड में आ मेंढकों ने तान ली ।4।


भ्रष्ट जब सारी सियासत है यहाँ
क्या है कैसे कितनी राशी दान ली।5। 

मौलिक अप्रकाशित

Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 20, 2017 at 1:54pm — 23 Comments

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