For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

TEJ VEER SINGH's Blog – September 2018 Archive (5)

परवरिश - लघुकथा –

परवरिश - लघुकथा –

आज फिर शुभम और सुधा में गर्मागर्म बहस हो रही थी। मुद्दा वही था कि बाबूजी के कारण बिट्टू उदंड और जिद्दी होता जा रहा है।

"सुधा,  बिट्टू उनकी संगत में जिद्दी नहीं तार्किक और जिज्ञासु हो गया है। हम इस विषय में कितनी बार बात कर चुके हैं कि अस्सी साल की  उम्र में मैं अपने पिता को अलग नहीं रख सकता।"

"तो मैं बिट्टू के साथ कहीं और चली जाती हूँ। इतना तो कमा ही लेती हूँ कि दोनों का गुजारा हो सके।"

"सुधा तुम्हें पता है, मेरी माँ की मृत्यु के समय मैं केवल…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on September 28, 2018 at 9:00am — 10 Comments

दुर्गा - लघुकथा –

दुर्गा - लघुकथा –

शुरू में मैंने दुर्गा को एक महीने के लिये ट्रायल पर रखा था क्योंकि उसे देखकर लगता नहीं था कि काम वाली बाई है। खूबसूरत और जवान तो थी ही लेकिन साथ ही गज़ब की स्टाइलिश और फ़ैशनेबिल। चटकीली सुर्ख लिपस्टिक, गॉगल, मोबाइल, बड़ा सा लेडीज पर्स भी रखती थी।

मुझे बहुत तनाव रहता था जब वह पतिदेव की उपस्थिति में आती थी। ऐसे में मुझे अतिरिक्त सावधानी रखनी पड़ती थी। हालाँकि पतिदेव का इतिहास साफ सुथरा था। पर मर्द जात का क्या भरोसा। ऊपर से दुर्गा के लटके झटके। एक बार तो मैंने उसे कह…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on September 22, 2018 at 12:07pm — 10 Comments

अंधा कानून  -  लघुकथा  –

अंधा कानून  -  लघुकथा  –

"सर, पिछले महिने  मैंने आपकी कंपनी में इंटरव्यू दिया था। आपने खुद मुझे बधाई देकर बताया था कि इस पद के लिये मेरा चयन हो गया है। हफ़्ते दस दिन में नियुक्ति पत्र डाक द्वारा मिल जायेगा"।

"हाँ, यह सच है मिस ज्योति लेकिन...."।

"लेकिन क्या सर"?

"मुझे खेद है कि यह पद किसी और को दे दिया गया"।

"सर, क्या किसी मंत्री का फोन आगया था"?

"नहीं मिस ज्योति, हमारे यहाँ सिफ़ारिश नहीं चलती"।

"फिर  सर, रातों रात इस परिवर्तन का कोई तो वाजिब…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on September 14, 2018 at 1:30pm — 10 Comments

औक़ात - लघुकथा –

औक़ात - लघुकथा –

"सलमा, यह किसके बच्चे को लेकर जा रही हो"।

"चचाजान, आप पहचान नहीं पाये इन्हें, अपने अर्जुन हैं"।

"अरे वाह, बहुत बड़े हो गये। पर इनको यह क्या पोशाक डाल रखी है"।

"इनको एक सीरियल में कान्हा का किरदार करना है। उसी के लिये लेकर जा रही हूँ"।

"बहुत खूब, संभल कर जाना"।

अभी सलमा चार क़दम ही चली थी कि एक कट्टरपंथी ग्रुप ने उसे घेर लिया। उसे बच्चा चोर बताकर पुलिस थाने ले गये।

 "दरोगा जी,बड़ा तगड़ा केस लाये  हैं,आज तो आपके दोनों हाथों में लड्डू…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on September 7, 2018 at 7:01pm — 14 Comments

वसुधा - कहानी

छुट्टी का दिन था तो विवेक सुबह से ही लैपटॉप में व्यस्त था| कुछ बैंक और इंश्योरेंश के जरूरी काम थे, वही निपटा रहा था| बीच में एक दो बार चाय भी पी| विवेक सुबह से देख रहा था कि आज वसुधा का चेहरा बेहद तनाव पूर्ण था। आँखें भी लाल और कुछ सूजी हुई सी लग रहीं थीं। जैसा कि अकसर रोने से हो जाता है|

घर के सारे काम निपटाकर जैसे ही वसुधा कमरे में आकर अपने बिस्तर पर लेटने लगी।

"क्या हुआ  वसुधा, तबियत तो ठीक है ना"?

"मुझे क्या होगा, मैं तो पत्थर की बनी हुई हूँ"।

"अरे यह कैसी…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on September 7, 2018 at 2:00pm — 10 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
5 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
6 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
7 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
9 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
11 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service