For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Ravi Prakash's Blog – September 2013 Archive (3)

रहने दो - (रवि प्रकाश)

रहने दो

मुक्ता-माला

जटाजूट

चाहे दे दो।

बहने दो

यौवन-हाला

गरल-घूँट

चाहे दे दो॥

तुम रखना

मधुशालाएँ

कालकूट

मुझको देना।

तुम रचना

जयमालाएँ

भस्म-भूत

मुझको देना॥



पा लेना

आधार तुम्हीं

निराधार

चाहे दे दो।

गा लेना

गौरव-गाथा

व्यथा-भार

चाहे दे दो॥

चूर करो

मंज़िल मेरी

चकफेरी

फिर मुझको दो।

दूर करो

बंसी-वीणा

रणभेरी

फिर मुझको दो॥



थोड़े… Continue

Added by Ravi Prakash on September 30, 2013 at 1:12pm — 18 Comments

किसी दिन - (रवि प्रकाश)

किसी दिन अचानक

रौँदे गए सपने

बवाल तो करेंगे।

जिन्हें हाशिए पर

धकेला है ज़बरन

सवाल तो करेंगे।



धमनी में जम कर

हुआ है जो पत्थर

बहेगा धमाके से।

सड़ी अर्गला से

उकताई खिड़कियाँ

खुलेंगी धड़ाके से।



जिस्म की रेत से

हज़ार बाँह वाले

निकलेंगे आबशार।

भरेंगे किनारे

मन की मरुभूमि पे

झूलेंगे देवदार।



कसकेगी कविता

जब पीड़ा व पीड़ित

रहेंगे एकाकार।

रचेगा नवगीत

अनुष्टुप भी अभीत

छाती का… Continue

Added by Ravi Prakash on September 24, 2013 at 7:30am — 14 Comments

ग़ज़ल - (रवि प्रकाश)

बदलियों से चाँदनी का झिलमिलाना शेष है।

घन तिमिर में दीपकों का बुदबुदाना शेष है॥

सावनों की खो चुकी झड़ियाँ कहीं मिल जाएँगी,

देवदारों की कतारों का सजाना शेष है।

फिर घृणा उन्मादिनी सी दौड़ती है प्राण में,

प्रीत के आखर अढ़ाई कसमसाना शेष है।

हलचलों में खो चली है रात की नि:शब्दता,

भोर की पहली किरण का खिलखिलाना शेष है।

रूढ़ियों के बाँध सारे तोड़ कर कविता बहे,

पीर की प्राचीर में यूँ छटपटाना शेष है।

फिर परिन्दों ने बदल दी आज उड़ने की अदा,

हाय! लेकिन… Continue

Added by Ravi Prakash on September 12, 2013 at 8:30am — 21 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
4 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
20 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
20 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service