For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

May 2010 Blog Posts (66)

RAHUL MEIN BAHUT DOSH HAI.............

JANE WOH KISKA THA SAAYA JISE CHUNE KO,

HUM BHATAKTE RAHE AWARA HAWAO KI TARAH.

PYAAR KE WASTE PYASHA HAI YE DIL SADIO SE,

AB TOH BARSO KOI SAAWAN KI GHATAO KI TARAH.

HAR ANDHERE SE SUBAH BANKAR GUJAR JAUNGA,

TERA AANCHAL JO RAHE SAR PE DUWAO KI TARAH.

AAJ PALKO MEIN MUJHE KHWAAB BANAKAR CHUPA LO,

KAL MAI KHO JAUNGA GUMNAAM GUFAO KI TARAH.

MUJHE SULJHANE MEIN TUM KHUD HI ULAJH JAOGE,

MERI ZINDGI HAI SADHU KI JATAO KI TARAH.

JI HAAN RAHUL MEIN… Continue

Added by rahul pandey on May 4, 2010 at 6:45pm — 2 Comments


प्रधान संपादक
ग़ज़ल नo-१ (योगराज प्रभाकर)

नफरत का अन्धकार यूं फैला दिखाई दे

नाम-ओ-निशान अमन का मिटता दिखाई दे !



काशी दिखाई दे कभी का'बा दिखाई दे,

नन्हा सा बच्चा जब कोई हँसता दिखायी दे !



जिनको भी ऐतमाद है अपनी उड़ान पर

उनको आसमान भी छोटा दिखाई दे !



वो शख्स जिसकी नींद ही खुलती हो शाम को,

उसको ये आफताब क्यूँ चढ़ता दिखाई दे !



खिड़की ही जब नहीं है कोई घर के सामने,

फिर कैसे भला चाँद का टुकड़ा दिखाई दे !



श्रद्धा नहीं तो हर नदी पानी के सिवा क्या ?

श्रद्धा हो ग़र… Continue

Added by योगराज प्रभाकर on May 4, 2010 at 2:07pm — 15 Comments

ऐ खुदा इतना भी कमाल न कर

ऐ खुदा इतना भी कमाल न कर
ज़िंदगी में मौत सा हाल न कर
काँटों को इतनी तरज़ीह देकर
यूं फूलों का जीना मुहाल न कर
ये दुनिया इक मुसाफ़िर ख़ाना
इसमें बसने का ख़याल न कर
ग़मे दहर का झगड़ा लेकर
तूं अपने घर में बवाल न कर
दर्द का दरमाँ तड़फ ही है
करके मुहब्बत मलाल न कर
आग बहुत दुनिया में,पानी कम
ये आंसू बेवज़ह पैमाल न कर
याद कर वो माज़ी के मंज़र
तूं अपना बरबादे-हाल न कर
चांदनी की चाह में यूं न पगला
इन अंधेरों से विसाल न कर

Added by asha pandey ojha on May 4, 2010 at 1:30pm — 16 Comments

बिड़ला फाउंडेशन के सरस्वती-व्यास सम्मान के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित(प्रविष्टि भेजने की अंतिम तिथि ३१ मई-२०१०)

केके बिड़ला प्रतिष्ठान ने अपने दो प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कारों सरस्वती सम्मान और व्यास सम्मान के लिए 31 मई तक प्रविष्टियां आमंत्रित की है। विजेता को पांच लाख रूपए प्रदान किए जाएंगे।



प्रतिष्ठान के निदेशक निर्मल कांति भट्टाचार्य ने आज यहां बताया कि भारतीय भाषाओं के लिए दिए जाने वाले सरस्वती सम्मान 2010 के लिए वर्ष 2000 से 2009 के बीच प्रकाशित कृति पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस सम्मान के लिए काव्य, उपन्यास, लघु कहानियां, हास्य, व्यंग्य, नाटक, प्रस्ताव,…
Continue

Added by Admin on May 4, 2010 at 12:30pm — No Comments

कविता लिख रहा हु कविता की जरुरत हैं ,

कविता लिख रहा हु कविता की जरुरत हैं ,

ना सार की जरुरत हैं ना बिचार के जरुरत हैं ,

कविता लिख रहा हु कविता की जरुरत हैं ,



सोच हो समझ हो इसपर कोई ध्यान ना दे ,

अट पटा लिखे समाज को कुछ ज्ञान ना दे ,

अब लोग भी खोजने लागे कुछ येसा कुछ वैसा ,

समाज और संसकृति से ना लगाव हो जैसा ,

बस मन बहलाने वाला सब्द की जरुरत हैं ,

कविता लिख रहा हु कविता की जरुरत हैं ,



अब रामायण की बाते सुनाने के वास्ते ,

हर कोई से बिनती की चले आना साम को ,

पर बिना… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on May 3, 2010 at 3:00pm — 5 Comments

यह उनका अंदाज़ है

पहले प्यार सिखाते है

फिर दूर कही चले जाते है

ये उनका अंदाज़ है

यादों की भूलभुलैय्या में

सपनो को उलझाते है

चाहत की इस छैय्या में

नफरत की आग बरसाते है

ये उनका अंदाज़ है

आवारा भौरों की तरह

घूम घूम के आते है

मासूम कलियों के संग

चुपके से रस चुराते है

ये उनका अंदाज़ है

साथ रहने की कसमे खाते

आंसू बनकर रुलाते है

चाहे जितना रोको उन्हें

पत्थर दिल हो जाते है

ये उनका अंदाज़ है

देख न पाते प्यार को रोते

खुद सागर में…
Continue

Added by aleem azmi on May 3, 2010 at 12:53pm — 4 Comments

Monthly Archives

2025

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

2011

2010

1999

1970

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service