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Saarthi Baidyanath's Blog – February 2014 Archive (1)

ग़ज़ल- सारथी || इशारों से दिल का जलाना तेरा ||

इशारों से दिल का, जलाना तेरा

अजब! हुस्नवाले, बहाना तेरा /१ 

हमें क्या फ़िकर, ग़र जमाना कहे

दीवाना- दीवाना, दीवाना तेरा /२ 

हुआ जब से रिश्ता, हयाई बढ़ी

यूँ साड़ी पहन के, लजाना तेरा /३ 

अभी तो जवां हूँ, है गुंजाइशें

जिगर पे उठा लूँ, निशाना तेरा /४  

न नासाज कर दे, कहीं आपको

सनम सर्दियों में, नहाना तेरा /५  

बड़प्पन कहीं से, दिखे तो कहूँ

सुना तो, बड़ा है घराना तेरा /६ 

ये तेवर, ये अंदाज़, आसां नहीं

ग़ज़ल, 'सारथी'…

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Added by Saarthi Baidyanath on February 17, 2014 at 5:00pm — 11 Comments

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