For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल- सारथी || देख लो जी ||

किसी से प्यार करके देख लो जी

हसीं इकरार करके देख लो जी /१

दवा है या मरज़ क्या है मुहब्बत

निगाहें चार करके देख लो जी /२

सनम हैं सर्दियों की धूप जैसी

जरा दीदार करके देख लो जी /३

हमेशा जी-हुजूरी ठीक है क्या ?

कभी इनकार करके देख लो जी /४

बिकेगी धूप चर्चा है गली में

यही ब्योपार करके देख लो जी /५

बहुत है फायदा आवारिगी में

धुआं घर-बार करके देख लो जी /६

यक़ीनन बेशरम हूँ मैं हवा हूँ

खड़ी दीवार करके देख लो जी /७

..................................................

अरकान : १२२२ १२२२ १२२ 

सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 704

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Saarthi Baidyanath on December 28, 2013 at 1:35pm

आपको ग़ज़ल पसंद आई ...जानकर बढ़िया लगा आदरणीया  Dr.Prachi Singh जी ...! स्नेह के लिए दिली शुक्रगुजार हूँ ! सादर :)


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 27, 2013 at 5:00pm

एक अलग सी ग़ज़ल...

मुझे पसंद आयी.

//ब्योपार//....व्यापार कर लीजिये 

हार्दिक बधाई स्वीकारें इस ग़ज़ल पर 

Comment by Saarthi Baidyanath on December 27, 2013 at 3:18pm

सादर प्रणाम आदरणीय Saurabh Pandey जी .... बहुत बहुत धन्यवाद इस ग़ज़ल पर आने के लिए !...आपका मार्गदर्शन नितांत आवश्यक है हमारे लिए ! आशीष देते रहिएगा ...स्नेह के लिए ह्रदय से आभारी हूँ आपका :)


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 26, 2013 at 11:54pm

एक प्रयोगधर्मी ग़ज़ल के लिए बधाई. लेकिन एक बात अवश्य, कि प्रयोग ही करना था तो बिम्ब और सार्थक् लेकर नये खयालात से अह’आर को आबाद करते.
बहरहाल बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें
शुभेच्छाएँ

Comment by Saarthi Baidyanath on December 25, 2013 at 7:40pm

आदरणीया  coontee mukerji जी ....आशीर्वाद है आप का ! स्नेह देते रहिएगा ...सादर नमन सहित :)

Comment by coontee mukerji on December 24, 2013 at 10:49pm

सुना-  है फायदा आवारिगी में

धुआं, घर-बार करके देख लो जी /७...........बहुत सुंदर.

Comment by Saarthi Baidyanath on December 24, 2013 at 6:08pm

आदरणीय  Abhinav Arun साहब , सादर प्रणाम ! बहुत अच्छा लगा आपका स्नेह पाकर ! सिखलाते रहिएगा ! जो कुछ भी लिख पा रहा हूँ इसी महफ़िल की इनायत है  ...कोटिशः आभार सहित :)

Comment by Abhinav Arun on December 24, 2013 at 3:22pm

सुना- है फायदा आवारिगी में धुआं, घर-बार करके देख लो जी /७ ये दफ्तर की दुहाई, आज छोड़ो मियां बीमार करके देख लो जी /८ अकेले ‘आप’ भी क्या कर सकेंगे नई सरकार करके देख लो जी /९ यक़ीनन बेशरम हूँ, मैं हवा हूँ खड़ी दीवार करके देख लो जी /१० ------------------प्रयोग में सफल रहे हैं आदरणीय बैद्यनाथ जी , सुन्दर और सशक्त ग़ज़ल है , हार्दिक बधाई !!

Comment by Saarthi Baidyanath on December 23, 2013 at 6:29pm

मान्यवर AVINASH S BAGDE जी , चरण स्पर्श कर रहा हूँ ! नाचीज को स्नेह के काबिल समझा ...शीश नत हूँ ! सीख रहा हूँ ...आप हजरात से ही ..इसी महफ़िल में ! बहुत बहुत दिली शुक्रिया अदा कर रहा हूँ ! सादर नमन सहित आदरणीय :)

Comment by Saarthi Baidyanath on December 23, 2013 at 6:27pm

महोदय अरुन शर्मा 'अनन्त' ...मुहब्बतों के लिए ममनून हूँ ! स्नेह है आपका जो ग़ज़ल को आपने नवाजा ! बहुत बहुत मेहरबानी ! साथ बने रहिएगा साहब ...कोटिशः आभार सहित :)

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service