For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कमल वर्मा "गुरु जी"
  • Male
  • India
Share on Facebook MySpace

कमल वर्मा "गुरु जी"'s Friends

  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
  • rajendra kumar
  • Er. Ambarish Srivastava
  • raj jalan
  • sanjiv verma 'salil'
  • Admin

कमल वर्मा "गुरु जी"'s Groups

 

कमल वर्मा "गुरु जी"'s Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Delhi
Native Place
Lakhimpur Kheri
Profession
Engineer in Telecom Company
About me
कमल था अपनी खुशबू लुटता चला गया, दरिया के साथ किया इश्क उसे निभाता चला गया, मोहब्बत में मंजिल की परवाह किसे है, मैं बहता चला गया वो बहाता चला गया I

कमल वर्मा "गुरु जी"'s Blog

मेरी हालत पे तरस खाने के बाद .......

मेरी हालत पे तरस खाने के बाद ,
रो पड़े थे सभी मुस्कुराने के बाद ,
क्या करूं इस दिले नामुराद का ,
याद करता है उनको उनके जाने के बाद ,
होश की बातें अभी मत करो साहब ,
होश मे आऊंगा मैं इस पैमाने के बाद ,
देख कर तुम जिसे सजते सवरते हो ,
याद आएगा ओ आइना टूट जाने के बाद ,
हाथों की लकीरों पे ऐतबार दिला के ,
कोई लूट गया मुझको दिल लगाने के बाद ,
जा रहा हूँ इस ऐतबार पे दुनिया से ,
याद न आना मुझको भूल जाने के बाद ll

Posted on May 16, 2011 at 4:34pm

Comment Wall (6 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 12:28am on April 9, 2012, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…

देख कर तुम जिसे सजते सवरते हो ,
याद आएगा ओ आइना टूट जाने के बाद ,
हाथों की लकीरों पे ऐतबार दिला के ,
कोई लूट गया मुझको दिल लगाने के बाद ,

गुरु जी बहुत सुन्दर ....रो पड़े थे सभी मुस्कुराने के बाद ..ऐसा भी होता है  ..सुन्दर प्रस्तुति  ..जय श्री राधे 

भ्रमर ५ 


At 9:19am on July 1, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 10:28pm on May 2, 2011, Er. Ambarish Srivastava said…
Welcome !
At 9:46pm on February 6, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 7:31pm on February 3, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…
At 6:15pm on February 3, 2011, Admin said…
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service