For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दिव्या
Share on Facebook MySpace

दिव्या's Friends

  • Neeraj Nishchal
  • Tushar Raj Rastogi
  • आशीष नैथानी 'सलिल'
  • aman kumar
  • umeshraghav
  • अरुन 'अनन्त'
  • Yogi Saraswat
  • shailesh parmar
  • Rita Singh 'Sarjana"
  • Harish Bhatt
  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
  • संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी'
  • Neeraj Dwivedi
  • SHARIF AHMED QADRI "HASRAT"
  • विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी

दिव्या's Groups

 

दिव्या's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
देहरादून
Native Place
dehradun

दिव्या's Blog

बेबसी (कहानी)

            श्याम खुद को बहुत खुशकिस्मत मान रहा था | बात थी भी ऐसी, वो भयानक रात और दो दिन तक मची तबाही का मंजर एक पल के लिए भी तो उसकी आँखों से नहीं हटा था | जहाँ-तहां लाशे बिछी हुई थी और हर तरफ चीख पुकार |

श्याम अपनी पत्नी सुनीता चार बच्चो का पेट पालने के लिए एक खच्चर के सहारे खच्चर में माल ढोने का काम करता है और हर साल यात्रा सीजन में केदारनाथ परिवार सहित केदार बाबा की शरण में पहुँच जाता था | जहाँ पत्नी फूल प्रसाद बेचा करती है, और बच्चे होटल में बर्तन धोने का का काम और वो खुद खच्चर…

Continue

Posted on July 31, 2013 at 4:29pm — 7 Comments

मेरा ख्याल

बारिशो के 

मौसम में 
मन जब 
चाहे किसी के 
साथ दूर तक 
ठहल आने को …
Continue

Posted on June 5, 2013 at 5:00pm — 24 Comments

माँ तुम मेरी सहेली हो

माँ तुम अबूझ पहेली हो 
माँ तुम मेरी सहेली हो 

स्नेह की  डोर से बंधी 

ममता की…
Continue

Posted on May 9, 2013 at 3:30pm — 12 Comments

इश्क कि दास्तान है प्यारे

इन दिनों वो अपने आस पास रेशम बुनने लगी थी | बहुत ही महीन मगर चमकीली, हर समय बस एक ही धुन सवार हो गयी थी उस को  रेशम बुनने कि | जहाँ भी वो रहती  बस रेशम के धागों में उलझी हुई रहती |

कई कई बार वो घायल हो जाती, मगर वो रेशम बुनने में ही तल्लीन रहती उसके घायल मन से बना रेशम बहुत ही खूबसूरत होता |

 

वो पहले ऐसी नहीं थी | कितना तो काम होता था उसके पास, उसकी होड…

Continue

Posted on February 9, 2013 at 7:30pm — 16 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:43pm on June 6, 2013, Sachchidanand Pandey said…

DIVYA JI 

KYA AP APNI RACHNAON KA SANKLAN KAR RAKHI HAI?

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
22 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
23 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service