For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rachna Bhatia
Share on Facebook MySpace

Rachna Bhatia's Friends

  • Aazi Tamaam
  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी
  • DR ARUN KUMAR SHASTRI
 

Rachna Bhatia's Page

Latest Activity

Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174
"आदरणीया ऋचा जी तरही मिसरे पर आपने ख़ूब ग़ज़ल कहीं। हार्दिक बधाई। अमित जी की टिप्पणी के अनुसार बदलाव करने से ग़ज़ल बेहतर हो जाएगी। मेरे हिसाब से गिरह में शुतर्गुर्बा एब है। सादर।"
Dec 27, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी, सादर अभिवादन। अच्छी ग़ज़ल हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Oct 26, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय संजय शुक्ला जी नमस्कार। बहुत ख़ूब। हार्दिक बधाई "
Oct 26, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार। आपने बिल्कुल सहीह कहा। ग़ज़ल तक आने के लिए एवं राय रखने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद।"
Oct 26, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी नमस्कार। आदरणीय ग़ज़ल तक आने तथा अपनी राय रखने के लिए आपका हार्दिक आभार। अमित जी की टिप्पणी में 8वें का सुधार किया है। देखिएगा। सादर "
Oct 26, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय संजय शुक्ला जी हार्दिक आभार। 8वां ठीक किया है  देखिएगा। सादर "
Oct 26, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमित जी देरी से उत्तर देने के लिए क्षमा चाहती हूँ। आदरणीय ग़ज़ल तक आने तथा इतनी बारीक़ी से अपनी राय रखने के लिए आपका हार्दिक आभार। //डूबना उभरना? कश्ती या तो तैरती है या डूब जाती है विचार करें।// ऐसे सोचा नहीं था।आपकी बात से सहमत हूँ। इसलिए…"
Oct 26, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय संजय शुक्ला जी नमस्कार। अच्छी ग़ज़ल की बधाई स्वीकार करें। गिरह दिखाई नहीं दे रही है। सादर "
Oct 25, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीया ऋचा जी अमित जी की इस्लाह अच्छी है।आपकी ग़ज़ल निखर जाएगी। मुझे गिरह बहुत पसंद आई। सादर "
Oct 25, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई जी नमस्कार ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार कीजिये  यूफ़ोनिक अमित जी की टिप्पणी के बाद ग़ज़ल अच्छी हो गई है।"
Oct 25, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"1212 1122 1212 22 1 तुम्हारे दिल में मुझे इस तरह उतरना है ग़ज़ल की शक्ल मेंइज़हार-ए-इश्क़ करना है  2 डरे हुए हों जहाँ फूल बाग़बान कली बहार बन के मुझे उस जगह ठहरना है  3 हर एक साँस पे मैं जिस का नाम लिखती हूँ उसी से अब मुझे जीवन में रंग…"
Oct 25, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"सादर नमस्कार सर्।  जी सर्  अपना ध्यान रखिएगा। सेहत पहले है। सादर "
Oct 25, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी नमस्कार। आदरणीय,आपकी इस्लाह वाकई बहुत ख़ूब है।मेरी ग़जल को ग़ज़ल बनाने के लिए आपका हार्दिक आभार।"
Aug 29, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"आदरणीया ऋचा जी, हौसला बढ़ाने के लिए आपका हार्दिक आभार।"
Aug 29, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"आदरणीय समर कबीर सर् सादर नमस्कार।जी सर्, मैं अमित जी द्वारा बताए गए सुधार कर लेती हूँ। हौसला बढ़ाने के लिए आपका बेहद शुक्रिय:।"
Aug 29, 2024
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"आदरणीय नमस्कार। आपने सहीह कहा अमित जी की इस्लाह अच्छी है।उस पर सर् की मुहर लग चुकी है। हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Aug 29, 2024

Profile Information

Gender
Female
City State
Delhi
Native Place
Delhi
Profession
Teacher
About me
nothing special... just start my journey ....

Rachna Bhatia's Blog

ग़ज़ल - मुझे ग़ैरों में शामिल कर चुका है

2122 2122 2122

1

वो ज़रा-सा सिरफ़िरा कुछ मनचला है

जो महब्बत के सफ़र पर चल पड़ा है

2

मेरे दिल ने जो कहा मैंने किया है

काम फिर चाहे वो अच्छा या बुरा है

3

अक़्स आँखों में हमारी जो छिपा है

इस जहाँ के सबसे प्यारे शख़्स का है

4

है महब्बत एक चिंगारी कुछ ऐसी

दिल लगाने वाला ही इसमें जला है

5

बाद मुद्दत के मिला उससे तो जाना

वो मुझे ग़ैरों में शामिल कर चुका है 

6

कुछ कहे बिन और…

Continue

Posted on May 17, 2023 at 11:30am — 7 Comments

आलेख - माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी

माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी

गाज़ियाबाद। इंदिरा चौधरी ने 85 साल की उम्र में जिस इकलौते बेटे की पैरवी करके जमानत कराई, उसे उन्होंने अकेले पाँच वर्ष की उम्र से पाला था। वह जब जेल से बाहर आया तो मां को साथ रखने के बजाय वृद्धाश्रम में छोड़ गया। वह बताती हैं कि वह वाराणसी में बेटे-बहू के साथ ही रह रही थीं। एक दिन अचानक बेटा बहू और पोते को लेकर लापता हो गया। पता चला कि वह जिस कंपनी में काम करता था, वहीं गबन कर गया। कंपनी के केस दर्ज कराने के बाद पुलिस ने उसे तिहाड़ जेल में…

Continue

Posted on March 9, 2023 at 10:17am — 5 Comments

ग़ज़ल - मेरे घर आज आ रहा है कोई

2122 1212 22

1

सोये जज़्बे जगा रहा है कोई 

दिल प हौले से छा रहा है कोई 

2

नज़रों से मय पिला रहा है कोई

मुझको मुझसे चुरा रहा है कोई

3

चाँद तारो न उम्र भर जाना

मेरे घर आज आ रहा है कोई

4

चन्दा कुछ देर ओढ़ ले बदरी

छत प मुझको बुला रहा है कोई

5

मुस्कुराहट सजा के होटों पर

इश्क करना सिखा रहा है कोई 

6

लौटना अपना मुस्तरद*करके

मेरा ओहदा बढ़ा रहा है…

Continue

Posted on March 8, 2023 at 8:17pm — 4 Comments

सदा - क्यों नहीं देते

221--1221--1221--122

1

आँखों में भरे अश्क गिरा क्यों नहीं देते

है दर्द अगर सबको बता क्यों नहीं देते

2

है जुर्म मुहब्बत तो सज़ा क्यों नहीं देते

गर रोग है तो इसकी दवा क्यों…

Continue

Posted on January 16, 2023 at 1:30pm — 14 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 5:17pm on May 17, 2025, Erica Woodward said…

I need to have a word privately,Could you please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com)Thanks.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
11 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
15 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
16 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
22 hours ago
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
yesterday
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
yesterday
surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। अलग ही रदीफ़ पर शानदार मतले के साथ बेहतरीन गजल हुई है।  बधाई…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान देने तथा अपने अमूल्य सुझाव से मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"गंगा-स्नान की मूल अवधारणा को सस्वर करती कुण्डलिया छंद में निबद्ध रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service