For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हिन्दी छन्द परिचय, गण, मात्रा गणना, छन्द भेद तथा उपभेद - (भाग २)

इस लेख के पिछले खंड
हिन्दी छन्द परिचय, गण, मात्रा गणना, छन्द भेद तथा उपभेद - (भाग १)

में बताया गया कि छन्द मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं

१- वर्णिक छन्द
२- मात्रिक छन्द

तथा इनका परिचय भी प्रस्तुत किय गया अब छन्द के भेद के साथ उप भेद को भी जानेंगे

जैसा कि आपने जाना प्रत्येक पंक्ति को पद कहते हैं पद में यति/गति अर्थात विश्राम के आधार पर के आधार पर चरण का निर्माण होता है यति/गति अर्थात विश्राम न होने पर चरण नहीं बनता है
जैसे चौपाई में चार पद होते हैं तथा पदों में विश्राम नहीं होता इसलिए पद में चरण का निर्माण नहीं होता है

दो पंक्ति को द्विपदी कहते हैं
चार पंक्ति को चतुष्पदी कहते हैं

मुख्यतः छन्द के दो भेद १ - वर्णिक छन्द तथा २- मात्रिक छन्द के तीन तीन उप भेद होते हैं

मात्रिक छन्द के उप भेद

क) - सम मात्रिक छन्द
ख) - अर्ध सम मात्रिक छन्द
ग) - विषम मात्रिक छन्द

क) - सम मात्रिक छन्द - जिस द्विपदी के चरों चरण की मात्राएँ समान होती हैं अथवा जिस चतुष्पदी के चारो पद की कुल मात्राएं सामान होती हैं उन्हें सम मात्रिक छन्द कहते हैं

ऐसे चतुष्पदी का प्रचिलित उदाहरण चौपाई छन्द है जिसके चारो पद में १६ - १६ मात्राएं होती है|
विधान - ४ पद, प्रत्येक पद में १६ मात्रा
उदाहरण -
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कपीस तिहुं लोक उजागर
राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवन सुत नामा 

मात्रा गणना
ज१ य१ ह१ नु१ मा२ न१  ज्ञा२ न१  गु१ न१  सा२ ग१ र१  = १६ मात्रा

ज१ य१ क१ पी२ स१ ति१ हुं१ लो२ क१ उ१ जा२ ग१ र१     = १६ मात्रा
रा२ म१ दू२ त१ अ१ तु१ लि१ त१  ब१ ल१  धा२ मा२      = १६ मात्रा
अं२ ज१ नि१ पु२ त्र१ प१ व१ न१ सु१ त१ ना२ मा२        = १६ मात्रा

चतुष्पदी का एक और उदाहरण कज्जल छन्द है जिसके चारो पद में १४ - १४ मात्राएं होती है, अंत गुरु लघु से होता है |
उदाहरण -
प्रभु मम ओरी देख लेव |  = १४ मात्रा
तुम सम नाहीं और देव |  = १४ मात्रा
कास प्रभु कीजै तोरि सेव | = १४ मात्रा
ताव न् कोऊ तोर भेव |    = १४ मात्रा

द्विपदी का प्रचिलित उदाहरण विधाता छन्द है जिसके चारो चरण में १४ - १४ मात्राएं होती हैं

सम मात्रिक छन्द के दो उप भेद हैं
१ - साधारण सम मात्रिक छन्द
२- दंडक सम मात्रिक छन्द

१ - साधारण सम मात्रिक छन्द - मात्रिक छन्द के अन्तर्गत प्रत्येक चरण अथवा प्रत्येक पद में मात्रा ३२ तक हो तो उसे साधारण सम मात्रिक छन्द कहते हैं
कुछ प्रचिलित छन्द -
उल्लाला छन्द (द्विपदी) प्रत्येक चरण १३ मात्रा
चौपाई छन्द (चतुष्पदी) प्रत्येक पद १६ मात्रा
सुमेरू छन्द (चतुष्पदी) प्रत्येक पद १९ मात्रा
हरिगीतिका छन्द (चतुष्पदी) प्रत्येक पद २८ मात्रा

 
२- दंडक सम मात्रिक छन्द - मात्रिक छन्द के अन्तर्गत प्रत्येक चरण अथवा प्रत्येक पद में मात्रा ३२ से अधिक हो तो उसे दंडक सम मात्रिक छन्द कहते हैं

उदाहरण  
हरिप्रिया छन्द (चतुष्पदी) प्रत्येक पद ४६ मात्रा
हरिप्रिया छन्द उदाहरण -
सोहाने कृपानिधान, देव देव राम चन्द्र भूमि पुत्रिका समेत देव चित्त मोहैं
मानो सुरतरुसमेत, कल्प बेलि छबि निकेत, शोभा श्रृंगार किधौं रोप धरैं सोहैं
लक्ष्मीपति लक्ष्मीयुत देवीयुत ईश किधौं छायायुत परम ईश चारु वेश राखैं 
वन्दैन् जग मात तात, चरण युगल, नीरजात जाको सुर सिद्ध विध मुनिजन अभि लाखैं  


ख)- अर्ध सम मात्रिक छन्द - जिस मात्रिक छन्द के द्विपदी में विषम चरम तथा सम चरण की मात्रा अलग अलग होती है अथवा चतुष्पदी में विषम पद तथा सम पद की मात्रा अलग अलग होती है उसे अर्ध सम मात्रिक छन्द कहते हैं
उदाहरण -
दोहा छन्द में विषम चरण १३ मात्रा तथा सम चरण ११ मात्रा का होता है अतः दोहा अर्ध सम मात्रिक छन्द है
अन्य अर्ध सम मात्रिक छन्द देखें -

सोरठा - (द्विपदी) = विषम चरण - ११ मात्रा / सम चरण - १३ मात्रा

उल्लाल - (चतुष्पदी) = विषम पद - १५ मात्रा / सम पद - १३ मात्रा

बरवै - (द्विपदी) = विषम चरण - १२ मात्रा / सम चरण - ७ मात्रा


ग) - विषम मात्रिक छन्द - जिस मात्रिक छन्द के द्विपदी में चारों चरण अथवा चतुष्पदी में चारो पद की मात्रा अलग अलग होती है उसे विषम मात्रिक छन्द कहते हैं
उदाहरण -
सिंहनी छन्द -(द्विपदी)
प्रथम चरण - १२ मात्रा
द्वितीय चरण - २० मात्रा
तृतीय चरण - १२ मात्रा
चतुर्थ चरण - १८ मात्रा

दो छन्दों के योग से निर्मित छन्द भी विषम मात्रिक छन्द कहलाते हैं
जैसे -
एक दोहा + एक रोला = कुंडलिया छन्द
एक रोला + एक उल्लाला = छप्पय छन्द

Views: 27775

Replies to This Discussion

बहुत उपयोगी पोस्ट के लिए बधाई वीनस भाई. पूर्ववत, मैं आपके छंद सम्बन्धित इस पोस्ट को भी सवैया पोस्ट से लिंक्ड कर देता हूँ. ताकि छंद संबंधी बेसिक जानकारी के बाद वर्णिक वृतों (जैसे कि सवैया छंद) पर पाठकॊं और अभ्यासकर्ताओं की समझ और सहज हो जायेगी.

पुनः बहुत बढिया .. .

एक विशेष आग्रह, मुक्तक पर परिचय स्वरूप पारिभाषिक वाक्य हो तो अधिक समीचीन होगा.

धन्यवाद

आदरणीय वीनस जी

                      सादर, मदन छंद जिसके विषम चरण में १४ मात्राएँ और सम चरण में १० मात्राएँ होती हैं. इसे अर्ध सम मात्रिक छंद श्रेणी में ही मानेगे. क्या यह सही है?

अतिसुन्दर ज्ञानवर्द्धक जानकारी!

आदरणीय ज्ञानी जनों से फिर एक आग्रह! ये चैपाई छन्द कहने का प्रयास किया है। इसे देखकर यह बताने का कष्ट करें कि इसमें क्या दोष है?
जय अम्बे जय मातु भवानी
दूजा को है तुम सा ज्ञानी
हित अनहित सब है बस तेरे
विनती करूं मात कर जोरे

bhut sundar jaankari...

बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी , छन्दों के बारे में जितना भी पढ़े कम ही लगता है , सार्थक पहल है , इस प्रस्तुतीकरण के लिए बधाई , धन्यवाद ,

अत्यंत उपयोगी पोस्ट , धन्यवाद !! आभार !! बधाई !!

हिन्दी छन्द परिचय, गण, मात्रा गणना, छन्द भेद तथा उपभेद - (भाग 3)

कैसे दिखेगा पढने और सीखने के लिए ..... ??

आदरणीया
इन दो भागों में मैंने प्रारंभिक जानकारी को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, यह जानकारी मैंने किसी ज्ञाता के रूप में नहीं बल्कि एक छात्र के रूप में एकत्र की थी जिसे यहाँ भी प्रस्तुत कर दिया
इसका तीसरा भाग मैं लिख नहीं सका जिसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ

इस समूह में कई लेख मौजूद हैं जो विस्तार से छन्दों से परिचित करवाते हैं आप उनको देख लीजिए
सादर

 आदरणीय वीनस जी.. बहुत बढिया जानकारियां..मात्रा गणना में मैं थोडा़ क्न्फ्युज हूँ समज नही पारहि हूँ कृपया मेरा मार्ग दर्शन कीजिए..

प्रभु मम ओरी देख लेव |  = १४ मात्रा

21 11 22 21 21 = 15 मात्रा (मेरे हिसाब से)

कास प्रभु कीजै तोरि सेव | = १४ मात्रा

21 21 22   21 21  = 16 मात्रा ( मेरे हिसाब से)

प्रभु मे कितनी मात्रा है..३ या २

आदरणीया महेश्वरीजी,

प्रभु की दो मात्राएँ ही होंगी.  प्र = १  तथा  भु =१.. कुल मिला कर २ मात्राएँ.

सादर

 संशय का निदान करने के लिए आदरणीय सौरव जी आप का बहुत बहुत आभार..

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
44 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"मौजूदा जीवन के यथार्थ को कुण्डलिया छ्ंद में बाँधने के लिए बधाई, आदरणीय सुशील सरना जी. "
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  ढीली मन की गाँठ को, कुछ तो रखना सीख।जब  चाहो  तब …"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"भाई शिज्जू जी, क्या ही कमाल के अश’आर निकाले हैं आपने. वाह वाह ...  किस एक की बात करूँ…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपके अभ्यास और इस हेतु लगन चकित करता है.  अच्छी गजल हुई है. इसे…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु भाई , क्या बात है , बहुत अरसे बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ा रहा हूँ , आपने खूब उन्नति की है …"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service