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भोजपुरी साहित्य Discussions (246)

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कैसे बुझी गरीबन के गुरु पेट के आग ,

देखि मचल बाटे इहा भागमभाग , केहू उरावत बा बिना बतलब के , केहू मतलब खातिर खोजत बा , केहू के हिस्सा में कुछुओ नाइखे , केहू मरत बा बुझावे खाति…

Started by Rash Bihari Ravi

4 Oct 6, 2010
Reply by Neelam Upadhyaya

काहे ना इ राउआ बुझात बा ,

हमनी के खाएके नइखे मिळत , अब जिआल मिस्किल हो रहल बा , बाह रे हिंद के शासक , हम खाइला बिना मरत बनी , तोहार आनाज सड़त बा , सडा के तू मांगवइबा…

Started by Rash Bihari Ravi

1 Sep 21, 2010
Reply by Neelam Upadhyaya

दुश्मन देले पनाह करम हमारा हिंद के फूटल ,

दिल्ली में गोली चलाल संगे में बम फूटल , मेल आईल बी बी सी हिंदी में सिमी से , नेता बाडनसन हिजरा देश के करम फूटल , उनकर काम न हवे बोलत बाडन द…

Started by Rash Bihari Ravi

2 Sep 21, 2010
Reply by Neelam Upadhyaya

ना रोये देबेलन ना हसही देबेलन ,

ना रोये देबेलन , ना हसही देबेलन , मन के माफिक इ , ना चले देबेलन , कलह तक रहे मन में , देश के खातिर जिआब , चल देनी सीना ठोकी , देश के सेवा क…

Started by Rash Bihari Ravi

4 Sep 21, 2010
Reply by Neelam Upadhyaya

जानी ले की तुहू कमइबा जाई प्रदेश ,

जानी ले की तुहू कमइबा जाई प्रदेश , हम कईसे जिआब बलमुआ धरी जोगनी के भेस , बालम तू मति जा तू मति जा तू मति जा प्रदेश , मई बाप के छोर के आईनी…

Started by Rash Bihari Ravi

6 Sep 20, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

desh bhakti geet

देशवा के खातिर बीर जहवां दे देले परनवा, हिन्दुस्तनवा हमारे बा......................, जाने जेके दुनिया महनवा, हिन्दुस्तनवा हमारे बा.........…

Started by आशीष यादव

18 Sep 17, 2010
Reply by आशीष यादव

भाई हो हम आ गईनी ,

गरीबन से करेलन प्यार , हाउअन यारान के यार , इनके देखते भागे बवाल , भाई हो देखा आ गईले , इ आपन भूचाल , सुख आउर समब्रिधि चारू ओर , भाई चारा…

Started by Rash Bihari Ravi

3 Sep 16, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

नोकरानी मति रखिहs,

भाई तोहर नाम बा, नोकरानी मति रखिह , नोकरानी रखिह, त घरनी मत छोरिहा , भाई तोहर नाम बा, नोकरानी मति रखिह , आगे पीछे ओकर इतिहास पाहिले देखिह ,…

Started by Rash Bihari Ravi

1 Sep 14, 2010
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

Meri Rachna Bhojpuri main

Started by Subodh kumar

5 Sep 14, 2010
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

कहना मान

दूर-दूर तक ले जंगल के विस्तार रहे । जहाँ तक ले नजर परे हरियालिये हरियाली लउकत रहे । एकरे बीच में अपना हरिणी माई के गर्भ से ऊ सु्न्दर छौना ज…

Started by Neelam Upadhyaya

5 Sep 9, 2010
Reply by आशीष यादव

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