For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


आदरणीय साथिओ,

चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक-३ का आयोजन दिनांक १६ जून से  २० जून तक किया गया, जिसका संचालन पिछली दोनों प्रतियोगितायों की तरह इस बार भी कर्मठ रचनाधर्मी श्री अम्बरीष श्रीवास्तव जी ने किया ! इस बार रचनाधर्मियों को यमुना नदी में फैले प्रदूषण से सम्बंधित एक चित्र पर कलम-अजमाई करने का निमंत्रण दिया गया !  इस बार पूरे पांच  दिन साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों ने जिस हर्षोल्लास से इस आयोजन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया, उसने ओबीओ पर आयोजित होने वाले किसी भी आयोजन के सभी कीर्तिमान भंग कर दिए ! ५ दिन में १६३३ प्रविष्टियाँ पाकर यह आयोजन आज तक का सब से सफल आयोजन सिद्ध हुआ !

खैर, कीर्तिमान तो बनते ही टूटने के लिए हैं, लेकिन इस आयोजन कि एक सब से बड़ी उपलब्धि यह रही कि ओबीओ के संस्थापक और युवा कवि श्री गणेश जी बागी ने काव्य की एक नई विधा का अन्वेषण किया ! यह काव्य विधा अब तक की सब से छोटी मानी जाने वाली जापानी काव्य विधा "हाइकू" से भी छोटी है ! जहाँ हाइकू के ३ चरणों की और १७ शब्दों (५-७-५) वाली विधा है, वहीँ श्री बागी स्वर अन्वेषित नई विधा "एकादशी" में ३ चरणों में केवल ११ अक्षर (३-५-३) हैं ! इस तरह "एकादशी" दुनिया की सब से छोटी कविता का दर्जा हासिल कर गई है !
अंतर्जाल पर किसी भी नई विधा के अन्वेषण की यह अब तक की एकमात्र घटना है ! यह न केवल श्री गणेश बाग़ी जी के लिए बल्कि पूरे ओबीओ परिवार के लिए एक महान उपलब्धि है ! मैं इसके लिए श्री गणेश बागी जी को हार्दिक बधाई देता हूँ !

इस आयोजन का शुभारम्भ भी श्री गणेश बागी जी कि एक खूबसूरत कविता से ही हुआ ! फिर उसके बाद तो गीत-नवगीत, अतुकांत कविता, तुकांत कविता, कुंडली, घनाक्षरी, हाइकु तथा "एकादशी"  का जो सिलसिला शुरू हुआ वाह पूरे पांच दिन तक पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ चलता रहा ! दिए गए चित्र  के हर पहलू पर रचनाकरों ने आपने फन के जौहर दिखाए !इस पूरे आयोजन के दौरान साहित्य प्रेमी आचार्य संजीव सलिल जी की निर्मल दोहा सलिला में गोते लगा लगा कर आनंदित होते रहे ! यही नहीं उनके विद्वतापूर्ण हस्तक्षेप के बाद सभी रचनाधर्मी सही दिशा की ओर बढ़ने के सक्षम हुए !

यमुना जी में फैले प्रदूषण ओर देश की पवित्र नदियों की दुर्दशा पर सभी ने आपने आपने ढंग से कहने की कोशिश की ! जहाँ प्रदूषण के कारणों की चर्चा हुई, वहीँ देशवासियों की उदासीनता , गिरते हुए मूल्यों, अंधे औद्योगीकरण के परिणामों की भी बात की गई ! वहीँ इस विकराल रूप धारण कर रही समस्या पर अपनी काव्य-रचनायों के माध्यमं से रचनाधर्मियों ने न केवल सभी को चेताया ही बल्कि इस दानव से कैसे छुटकारा पाया जाए उस पर भी आपने बहुमूल्य विचार अपनी कवितायों के माध्यम से प्रस्तुत किए ! 
 
इस प्रतियोगिता में "प्रतियोगिता हेतु" ओर" प्रतियोगिता से अलग" श्रेणियों में जो रचनाकार/रचनाएँ सम्मिलित हैं  उनका हिसाब किताब कुछ इस प्रकार है : 
  
१. श्री गणेश जी बागीजी (३ रचनाएँ) ,
२. श्रीमती शारदा मोंगा जी (१७ रचनाएँ)
३. श्री अम्बरीष श्रीवास्तव जी (५ रचनाएँ)
४. श्री रवि कुमार गुरु जी, (२-रचनाएँ)
५.श्रीमती वंदना गुप्ता जी (३ रचनाएँ 
६. आचार्य संजीव सलिल जी (५ रचनाएँ)

७. श्री इमरान खान जी  (२ रचनाएँ).
८. श्री सुरिंदर रत्ती जी
(१-रचना)
९.. श्री नेमीचंद पूनिया "चन्दन" जी
(१-रचना)
१०.
योगराज प्रभाकर (३ रचनाएँ)
११. श्री अलोक सीतापुरी जी (४ रचनाएँ)
१२.
श्री संजय राजेंद्र प्रसाद यादव जी (३ रचनाएँ)
१३.
श्री सुरेश सहगल जी (१ रचना) 
१४. श्री अरुण कुमार पाण्डेय "अभिनव" जी (२ रचनाएँ)
१५. श्री दुष्यंत सेवक जी (१ रचना)
१६. श्री धर्मेन्द्र शर्मा जी (२ रचनाएँ)
१७.श्री बृज भूषण चौबे जी (१-रचना).
१८. श्री दीपक शर्मा "कुल्लुवी" जी (१ रचना) 

१९. श्री आशीष यादव जी (१ रचना)

२०. श्रीमती लता ओझा जी (१ रचना)


२० लेखकों की ६० रचनाये, ओर कुल  मिला कर १६३३ एंट्रीज़ ! यानि प्रत्येक रचना को औसतन लगभग २७ टिप्पणियाँ इस आयोजन में प्राप्त हुईं जोकि बहुत वन्दनीय है !
मुझे इस बात का सब से ज्यादा संतोष है की इस बार रचनायों पर दिल खोल कर टिप्पणिया दी गईं ! रचना कर्मियों से हरेक टिप्पणी के उत्तर में टिप्पणियां देकर एक नया सिलसिला शुरू किया ताकि संवाद लगातार बरकरार रहे ! लगातार संवाद के इलावा यदा कदा हास्य का पुट डालकर साथियों ने समां बांधे रखा !  इस दिशा में में सर्वश्री धर्मेन्द्र शर्मा जी, अम्बरीष श्रीवास्तव जी ओर गणेश बागी जी का योगदान अतुल्य रहा, जिस प्रकार एक मिशन समझ कर इन्होने मेहनत की है मैं उसकी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूँ ! श्री धर्मेन्द्र शर्मा जी का पूरे जोश ओर लगन से पूरे आयोजन के दौरान सक्रिय रहना भी इस आयोजन की एक बड़ी उपलब्धि रही !  उनकी गुणात्मक ऊर्जा ने इस आयोजन को चार चाँद लगा दिए !  इस अवसर पर श्रीमती शारदा मोंगा जी का ज़िक्र न करना भी गलत होगा, पूरे पांचों दिन उन्होंने अपनी रचनायों और टिप्पणियों से जो समा बांधे रखा मैं उसको भी शत शत नमन करता हूँ !   

कुल मिला कर यह महा-उत्सव आशा से कहीं बढ़कर बेहद सफल रहा ! सभी रचनायों पर लगभग हरेक साहित्य रसिक ने ने अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देकर लेखकों का हौसला बढाया !  ओबीओ के कुछ वरिष्ठ सदस्यों की अनुपस्थिति हालाकि अंत तक सभी को खलती रही ! बहरहाल, मैं इस आयोजन में सम्मिलित सभी रचना धर्मियों का ह्रदय से धन्यवाद करता हूँ और उम्मीद करता हूँ की आप सब का सहयोग एवं स्नेह हमें यथावत प्राप्त होता रहेगा ! मैं अंत में इस महा उत्सव के संचालक श्री अम्बरीष श्रीवास्तव जी एवं ओबीओ के संस्थापक श्री गणेश बागी जी को इस "रिकॉर्ड तोड़" सफल आयोजन पर बधाई देता हूँ ! जय ओबीओ ! सादर !


योगराज प्रभाकर

(प्रधान सम्पादक)

Views: 924

Reply to This

Replies to This Discussion

अबतक के इस सफलतम आयोजन पर सर्वप्रथम संचालक महोदय को मेरी अनेकानेक शुभकामनाएँ.. हार्दिक बधाइयाँ.

समस्त सहयोगियों को मेरा शत्-शत् नमन.

इस तरह के आयोजनों की सफलता इस बात से भी आँकी जानी चाहिये कि आयोजन विशेष के माध्यम से निहित संदेश का सकारात्मक संप्रेषण हो पाया या हो पारहा है या नहीं. इस लिहाज से मैं पूरे विश्वास से उद्घोषित करता हूँ कि ओबीओ का अभिनव मंच वास्तव में नवोदितों को न केवल आकर्षित करने में बल्कि हिन्दी-साहित्य संस्कार हेतु उन्हें सकारात्मकतः उत्प्रेरित करने में भी सफल रहा है. मानसिकतः प्रौढ रचनाधर्मियों के लिये तो आकाश उपलब्ध है ही, उनके आलोकित आकाश में नवोदित अपने लिये विस्तार पा अपने आप में उत्फुल्लता और नवीन ऊर्जा-संचरण का भान करते हैं. किसी साहित्य-मंच की इससे बढ़ कर उपलब्धि और क्या हो सकती है! ओबीओ की सफलता इस बात से बहुगुणित हो जाती है कि अपने शैशवाकाल में ही इसने न केवल लोकप्रियता के लिहाज से बल्कि गंभीर सृजन के क्षेत्र में भी इसने अन्य मंचों के लिये ज्वाजल्यमान मानदण्ड स्थापित किये हैं.

 

प्रविष्टियों का या संप्रेषणों का आदान-प्रदान किसी प्रतियोगिता को रोचक तो बनाता ही है, इन परस्पर वार्त्तालाप से सभी प्रतिभागियों को अनायास जानने-सुनने-समझने को बहुत-कुछ मिल जाता है. सत्य के प्रति आग्रह, मान्य के प्रति स्वीकृति और असत्य के प्रति नकार ज्ञान-विन्दु हैं. इस प्रतियोगिता विशेष में भी इस सूत्र का अनुमोदन हुआ और भरपूर हुआ है. अग्रजों और अनुजों की एक मंच पर परस्पर सक्रियता और संचालक महोदय, प्रधान संपादक तथा समस्त कार्मिक सदस्यों का नम्र दिशा-निर्देशन इस सफलता में विशेष कड़ियाँ जोड़ गये हैं.

 

इस बार मेरी आंशिक उपस्थिति और इस आंशिकता के पीछे के समस्त भौतिक कारण मुझे लगातार कचोटते रहे और मैं निरुपाय बना रहा. इसका हार्दिक खेद है. मुझे गर्व है कि मैं आपके इस अभिनव मंच का हिस्सा स्वीकारा गया हूँ.

 

मेरे अनुज गणेशभाई की साहित्यिक उपलब्धि ’एकादशी’ पर मेरी अनेकानेक बधाइयाँ. माँ शारदे की कृपा सदा बनी रहे. और, आदरणीय योगराजभाई जी से सादर निवेदन कर रहा हूँ कि इस ’एकादशी’ की पंक्ति-मात्रायें गणेशभाईजी ने ३-५-३=११ रखा है. सही नहीं है न?

पुनः, इस ऐतिहासिक आयोजन हेतु मेरा साधुवाद.

आदरणीय सौरभ भाई जी ’एकादशी’ की पंक्ति-मात्रायें ३-५-३=११ ही हैं ! त्रुटि को सुधार लिया है - बहुत बहुत धन्यवाद इस और ध्यानाकर्षण के लिए !

आदरणीय योगराजभाईजी, आपने मुझे मान दिया.

आपकी व्यापक समीक्षा/विशद रिपोर्ट ओबीओ के पटल पर आयोजनों और प्रतियोगिताओं के समापन के उपरांत अत्यंत महत्त्वपूर्ण योगदान हैं. हम आभारी हैं.

धन्यवाद आदरणीय प्रधान संपादक जी, इस त्वरित व सारगर्भित लेखा-जोखा के प्रस्तुतीकरण के लिए आपको हृदय से बहुत-बहुत बधाई .........इस के लिए आप नें रात्रि में भी जाग-जाग कर भरपूर श्रम किया है जिसके लिए हम आपका अभिनन्दन करते हैं .........:))
 आदरणीय योगराज आपकी सम्पादकीय दृष्टि की जितनी प्रशंसा की jaaye कम है | आपने पूरे आयोजन को बड़े खूबसूरती के साथ इस समीक्षात्मक लेखा जोखा में शामिल  किया है ! चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता ने ओ बी ओ की गतिविधियों में नया अध्याय जोड़ा है और पूरी टीम और सदस्य इसकी सफलता के लिए बधाई के पात्र है | बहुत सारी शुभकामनाएं !!

वाह,

 

आनंदम प्रतीतम 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी प्रदत्त विषय पर आपने बहुत सुंदर रचना प्रस्तुत की है। इस प्रस्तुति हेतु…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, अति सुंदर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें।"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"गीत ____ सर्वप्रथम सिरजन अनुक्रम में, संसृति ने पृथ्वी पुष्पित की। रचना अनुपम,  धन्य धरा…"
18 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ पांडेय जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"वाह !  आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त विषय पर आपने भावभीनी रचना प्रस्तुत की है.  हार्दिक बधाई…"
21 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ पर गीत जग में माँ से बढ़ कर प्यारा कोई नाम नही। उसकी सेवा जैसा जग में कोई काम नहीं। माँ की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service