For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

समस्यापूर्ति का नाम पिछले कुछ दिनों से, तमाम लोगों द्वारा काफी सुनने को मिला ! इस दौरान मुझे सिर्फ इतना पता चल पाया था कि समस्यापूर्ति साहित्य से जुड़ी हुई कोई क्रिया है ! थोड़ी खोजबीन किया तो एक प्रसंग सामने आया जो मै यहाँ उदधृत कर रहा हूँ...

एकबार भोजराज की राजसभा में कालिदास, भवभूति, बाणभट्ट आदि कई कवि उपस्थित थे ! उसी समय अचानक, पहले की सुनी कोई ध्वनि भोजराज को स्मरण हो आयी ! वह बोले, "कविश्रेष्ठों  ! आपके सामने एक समस्या प्रस्तुत की जाती है, आप उसे पूर्ण करें ! समस्या है - टटं टटं टं !" भोजराज की इस अप्रत्याशित बात पर सब कवि आश्चर्य में थे ! कुछ क्षण पश्चात  भवभूति बोले, "महराज ! इस समस्या का समाधान तो महाकवि कालिदास ही करने में सक्षम हैं !" राजा ने कालिदास की ओर देखा ! और फिर, कालिदास ने समस्या के तीन चरणों को रचकर समस्यापूर्ति की ! कालिदास ने संस्कृत में किस तरह का पद्य का रचकर ये समस्यापूर्ति की, वो पद तो मै नही जानता, पर उसका हिंदी शब्दार्थ कुछ यूँ है, "राजाभिषेक के समय कोई नवयुवती जल लाती हुई हाथों में स्वर्ण-कलश को लेकर सीढ़ी पर उतरती है ! तभी अचानक उसके हाथ से कलश छूटकर सीढ़ी पर गिर जाता है और फिर उसमे से यह ध्वनि निकलती है - टटं टटं टं !" कालिदास की इस समस्यापूर्ति से राजा और सभी कवि बहुत हँसे और प्रसन्न हुवे !

इस प्रसंग को पढ़ने के बाद मै सिर्फ इतना ही समझ पाया हूँ कि समस्यापूर्ति क्या क्रिया है ? पर इस विषय में इससे अधिक जानकारी नही मिल पायी ! 

यह पोस्ट लिखने के दो उद्देश्य हैं- प्रथम कि समस्यापूर्ति के विषय में अधिकाधिक जानकारी प्राप्त हो, और द्वितीय कि अगर संभव और सर्वस्वीकार्य हो तो यहाँ भी  समस्यापूर्ति का आयोजन किया जाए !
सादर निवेदन है कि समस्त प्रबुद्धजन प्रस्तुत विषय से सम्बंधित अपनी जानकारी, राय व विचारों को यहाँ रखें, और मेरा तथा  एक दूजे का भी ज्ञानकोष समृद्ध करें ! धन्यवाद !

Views: 3932

Reply to This

Replies to This Discussion

भाई पियुष जी, आप इस मंच पर यदि रेगुलर हो जायँ तो आपको प्रतीत होने लगेगा कि इस मंच पर प्रति मास आयोजित तरही मुशायरा उसी समस्यापूर्ति की विशिष्ट अनुकृति है. इस मंच पर आयोजित चित्र से काव्य तक उसी समस्यापूर्ति का दृश्य-अनुसरण है. इस मंच पर प्रति मास आयोजित महा-उत्सव का मूल भी समस्यापूर्ति ही है, जिसमें पाठकों को कोई विशिष्ट पंक्ति न दे कर एक शब्द या भाव-शब्द दिया जाता है जिससे मिलते-जुलते शब्दों (पर्याय) पर कोई रचना करनी होती है या पद्यांश लिखना होता है. भाई, महा-उत्सव में इस बार का विषय हेमन्त ऋतु है. इन आयोजनों में आपकी रचनाओं के साथ प्रतीक्षा रहेगी.

पियुषजी, आपने कालिदास से सम्बन्धित जिस वाकये का ज़िक़्र किया है उसके अनुसार कालिदास ने राजा भोज के कहे पर जिस पद्य की सद्यः रचना की थी, उसके बारे में कहा जाता है कि वह यों था -

राज्याभिषेके जलं आहरण्त्या: 
हस्ताच्युतो हेमघटो युवत्या: 
सोपान मार्गेण करोति शब्दं 
ठठं ठठं ठठ, ठठं ठठष्ठ:.. .

पुनः, आलम कवि और रंगरेजन शेख की प्रेमकथा --तदोपरांत विवाह-- के पीछे भी यह समस्यापूर्ति ही थी. है न ?

कनक छरी सी कामिनी काहे को कटि छीन ।
कटि को कंचन काटि के कुचन मध्य भरि दीन ॥

प्रथम पंक्ति की समस्या पर दूसरी पंक्ति पूर्ति ! यानि सम्मिलित रूप से समस्यापूर्ति एक कमनीय दोहा छंद.. !कथा तो आप जानते ही होंगे. विशेष हेतु इस लिंक को देखें, जहाँ मूल प्रविष्टि और टिप्पणियों के माध्यम से कथ्य को साझा किया गया है. -
http://openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:Topic:...

शुभेच्छाएँ

आदरणीय सौरभ जी, जाने किन तकनीकी कारणों से आपकी टिप्पणी हट गई है, अतः आपके बहुमूल्य विचारों की पुनः प्रतीक्षा है ! सादर !

कहाँ हट गयी है ? आप पुनः इस पेज को रिफ्रेश करें, संभवतः उपलब्ध हो जायेगी. 

आदरणीय सौरभ जी, आपकी बातों से निकटतम सहमति है, कि इस मंच पर समस्यापूर्ति के पर्यायस्वरूप कई आयोजन (चित्र से काव्य तक, ओबीओ महोत्सव) चल रहे हैं ! पर, बस ये मेरी एक राय है जिसे अन्यों की राय हेतु यहाँ रखा हूँ ! जैसे-जैसे लोग अपनी बात कहेंगे, जानकारी बढ़ती जाएगी, बाकी सब एडमिन जी के हाथ है ! सादर धन्यवाद आपका, अपनी राय से अवगत कराने के लिए !

आदरणीय सौरभ जी आपकी टिप्पणी नज़र नहीं आ ररही है, कई बार रिफ्रेश करने के बाद भी नहीं, सिर्फ आपके नाम व तस्वीर के साथ एक ब्लेंक नज़र आ रहा है...

अच्छा !..   डॉ.प्राची, कृपया अब आप पुनः देखिये.

कभी-कभी, मग़र पता नहीं क्यों, ऐसा हो जाता है.

नहीं सर अभी भी नहीं दिख रही 

मुझे तो दिख रही है ........................यही है ना .............

भाई पियुष जी, आप इस मंच पर यदि रेगुलर हो जायँ तो आपको प्रतीत होने लगेगा कि इस मंच पर प्रति मास आयोजित तरही मुशायरा उसी समस्यापूर्ति की विशिष्ट अनुकृति है. इस मंच पर आयोजित चित्र से काव्य तक उसी समस्यापूर्ति का दृश्य-अनुसरण है. इस मंच पर प्रति मास आयोजित महा-उत्सव का मूल भी समस्यापूर्ति ही है, जिसमें पाठकों को कोई विशिष्ट पंक्ति न दे कर एक शब्द या भाव-शब्द दिया जाता है जिससे मिलते-जुलते शब्दों (पर्याय) पर कोई रचना करनी होती है या पद्यांश लिखना होता है. भाई, महा-उत्सव में इस बार का विषय हेमन्त ऋतु है. इन आयोजनों में आपकी रचनाओं के साथ प्रतीक्षा रहेगी.

पियुषजी, आपने कालिदास से सम्बन्धित जिस वाकये का ज़िक़्र किया है उसके अनुसार कालिदास ने राजा भोज के कहे पर जिस पद्य की सद्यः रचना की थी, उसके बारे में कहा जाता है कि वह यों था -

राज्याभिषेके जलं आहरण्त्या: 
हस्ताच्युतो हेमघटो युवत्या: 
सोपान मार्गेण करोति शब्दं 
ठठं ठठं ठठ, ठठं ठठष्ठ:.. .

पुनः, आलम कवि और रंगरेजन शेख की प्रेमकथा --तदोपरांत विवाह-- के पीछे भी यह समस्यापूर्ति ही थी. है न ?


कनक छरी सी कामिनी काहे को कटि छीन ।
कटि को कंचन काटि के कुचन मध्य भरि दीन ॥

प्रथम पंक्ति की समस्या पर दूसरी पंक्ति पूर्ति ! यानि सम्मिलित रूप से समस्यापूर्ति एक कमनीय दोहा छंद.. !कथा तो आप जानते ही होंगे. विशेष हेतु इस लिंक को देखें, जहाँ मूल प्रविष्टि और टिप्पणियों के माध्यम से कथ्य को साझा किया गया है. -
http://openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:Topic:...

शुभेच्छाएँ

भाई गणेशजी, आपने तो समस्या की पूर्ति ही कर दी.. . :-))))

हार्दिक धन्यवाद.

जी , आदरणीय , अब तो आदत सी हो गई है , बचपन से समस्या पूर्ति ही कर रहा हूँ :-))))))

अब समस्याओं की खैर नहीं. ..  :-))))

और हाँ,  अब तक भाई पियुषजी की समस्या की भी पूर्ति हो गयी होगी.

जी आदरणीय, निस्संदेह मेरी भी  समस्यापूर्ति हो गई है ! सादर !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
34 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
37 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
45 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
45 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
46 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
47 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
49 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
51 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। तेरे चेहरे पे शर्म सा क्या…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service